5 साल की बच्ची का स्कूल में कराया एडमिशन
पुलिस के मुताबिक, पश्चिम बेंगलुरु के कलसीपल्या के 34 वर्षीय व्यापारी रुदागी से तब परिचित हुए जब उन्होंने 2023 में अपनी 5 साल की बच्ची का प्रीस्कूल में दाखिला कराया। इसके बाद उनके बीच संबंध मजबूत हो गए। व्यापारी ने रुदागी से बातचीत करने के लिए एक अलग सिम कार्ड और फोन खरीदा तथा व्हाट्सएप के जरिए संदेश और वीडियो कॉल करने लगे।
प्रिंसिपल का बच्ची के पिता से अफेयर
एक अधिकारी ने कहा कि कभी-कभी वे व्यक्तिगत रूप से मिलते थे। इस दौरान रुदागी ने उससे 4 लाख रुपये ऐंठ लिए। जनवरी में रुदागी ने कथित तौर पर 15 लाख रुपये मांगे और साथ रहने के लिए कहा। वह व्यापारी के घर भी गई जब उसका परिवार बाहर गया था। उस समय प्रिंसिपल ने 50,000 रुपये उधार लिए।
दोनों के बीच खराब हो गए थे संबंध
जांच से पता चला कि रुदागी ने मल्लेश्वरम उप-मंडल के एक पूर्व सहायक पुलिस आयुक्त के साथ अपने संबंधों के बारे में झूठे दावे करके पीड़िता को डराया-धमकाया भी था। पुलिस ने बताया कि मार्च की शुरुआत में दोनों के बीच संबंध खराब हो गए थे, जब आर्थिक संकट से जूझ रहे व्यापारी ने अपनी बेटी का स्थानांतरण प्रमाण पत्र मांगा था। वह अपने परिवार को गुजरात में शिफ्ट करने की योजना बना रहा था।
निजी वीडियो और फोटो के लिए मांगे 20 लाख रुपये
अधिकारी ने कहा रुदागी के कार्यालय में व्यापारी का सामना काले और सागर से हुआ, जिन्होंने रुदागी के साथ उसके कथित निजी वीडियो और फोटो को गुप्त रखने के लिए 20 लाख रुपये की मांग की। अपनी प्रतिष्ठा के लिए व्यापारी 15 लाख रुपये देने के लिए सहमत हो गया। शुरू में 1.9 लाख रुपये दे दिए। हालांकि, काले और सागर ने शेष राशि के लिए उस पर दबाव बनाना जारी रखा। धमकियों से परेशान होकर पुलिस से मांगी मदद
पुलिस के अनुसार, रुदागी ने 17 मार्च को व्यापारी को फोन किया और बकाया राशि पर जोर दिया। कथित तौर पर उसे बताया कि पूर्व एसीपी को 5 लाख रुपये दिए जाएंगे, जबकि सागर और काले को 1-1 लाख रुपये मिलेंगे। उसने दावा किया कि शेष 8 लाख रुपये निजी सामग्री को हटाने के बदले में उसके होंगे। जब धमकियां बढ़ने लगीं तो पीड़ित व्यापारी ने पुलिस से संपर्क किया।