बीजेपी ने शुरू की अपनी तैयारी
भाजपा नेता भीखू भाई दलसानिया ने बीजेपी पदाधिकारियों के साथ मीटिंग की। उन्होंने पदाधिकारियों को मतदाताओं से मिलने, उनकी शिकायतें दूर करने और बीजेपी समर्थकों को वोटर लिस्ट में शामिल होने में मदद करने का काम सौंपा है। बीजेपी को भी अपने वोटरों का वोटर लिस्ट से नाम कटने का डर है। उधर, बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष ने भी बिहार दौरे पर पार्टी के नेताओं से चर्चा की। बीजेपी 19 से 31 जुलाई तक विधानसभाओं में जाकर SIR प्रक्रिया पर लोगों की राय लेगी। पार्टी ने इसके के लिए अब तक 52 हजार से अधिक बूथ लेवल कार्यकर्ताओं को सक्रिय कर दिया है।
बीजेपी ने मतदाताओं के लिए शुरू की वेबसाइट
वहीं, बीजेपी ने वोटर लिस्ट से जुड़ी जानकारी देने के लिए हेल्पलाइन और एक विशेष वेबसाइट भी शुरू की है। इसके जरिए लोग अपना नाम जांच सकते हैं और ऑनलाइन नाम जोड़ने के लिए आवेदन कर सकते हैं। पार्टी नेताओं ने कहा कि वे SIR प्रक्रिया का समर्थन करते हैं, लेकिन यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि कोई भी वैलिड मतदाता न छूटे। बीजेपी नेता ने कहा कि चुनाव आयोग SIR के मामले में जल्दीबाजी दिखा रहा है। आवेदन करने वाले अधिकतर मतदाताओं को रसीद नहीं दी जा रही है, जबकि कई लोगों ने कहा कि अभी तक उनसे किसी ने फॉर्म नहीं लिया गया है।
विपक्ष का चुनाव आयोग पर आरोप
दूसरी ओर विपक्षी पार्टियों ने चुनाव आयोग के SIR प्रक्रिया को लेकर कहा कि इससे बड़ी संख्या में मतदाता वोटर लिस्ट से बाहर हो जाएंगे। उन्होंने इसे जल्दबाजी में उठाया गया कदम बता रही हैं। विपक्षी पार्टियां बूथ लेवल एजेंटों की संख्या बढ़ाने की कोशिश कर रही हैं।
पिछले दरवाजे से NRC लागू करने की कोशिश
AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने चुनाव आयोग पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग के पास नागरिकता निर्धारित करने का अधिकार नहीं हैं। गृह मंत्रालय के पास इसे तय करने का अधिकार है। अगर निर्वाचन आयोग के पास अधिकार नहीं है तो वे ऐसा क्यों कर रहे हैं। यही कारण है कि मैंने कहा कि यह पिछले दरवाजे से NRC है। नवंबर में बिहार में चुनाव हैं। वे सीमांचल के लोगों को शक्तिहीन क्यों बनाना चाहते हैं?