Bihar Budget Session: बजट सत्र के तीसरे दिन भी गरमाया माहौल, विपक्ष ने सदन के बाहर किया प्रदर्शन
Bihar Budget Session: बिहार विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन आरजेडी ने 65 प्रतिशत आरक्षण से जुड़ी मांगों को लेकर प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इसके अलावा भाकपा-माले के विधायकों ने कई मांगों को लेकर प्रदर्शन किया।
Bihar Budget Session: बिहार बजट सत्र का मंगलवार को तीसरा दिन है। तीसरा दिन भी काफी हंगामेदार रहा। राजद विधायक मुकेश रोशन लॉलीपॉप और झुनझुना लेकर विधानसभा पहुंच गए। इस दौरान उन्होंने कहा कि बजट में लॉलीपॉल दिखाया गया है। वहीं महागठबंधन के नेताओं ने बजट का विधानसभा में जमकर प्रदर्शन किया।
बिहार विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन आरजेडी ने 65 प्रतिशत आरक्षण से जुड़ी मांगों को लेकर प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इसके अलावा भाकपा-माले के विधायकों ने कई मांगों को लेकर प्रदर्शन किया।
माले विधायकों ने रखी ये मांग
माले विधायकों ने बिहार में झारखंड की तरह 2500 रुपये सम्मान योजना, रसोइया का मेहनताना और प्रदेश में खाली पदों की बहाली करने की मांग के साथ प्रदर्शन किया।
राबड़ी देवी के नेतृत्व में विपक्ष ने किया प्रदर्शन
वहीं आरक्षण की सीमा बढ़ाने की मांग को लेकर विधान परिषद में भी हंगामा हुआ। पूर्व सीएम राबड़ी देवी के नेतृत्व में महागठबंधन के विधान पार्षदों ने प्रदर्शन किया। इस दौरान महागठबंधन के विधान पार्षदों ने कहा कि जातीय गणना के बाद जो बिहार का कोटा बढ़ाना था, उसे नीतीश सरकार ने नहीं बढ़ाया। क्या बीजेपी नीतीश से छीन लेगी सीएम की कुर्सी, देखें वीडियो…
सरकार पर पिछड़ा और दलित विरोधी होने का लगाया आरोप
राजद नेताओं ने प्रदेश सरकार पर पिछड़ा और दलित विरोधी होने का आरोप लगाया है। पूर्व सीएम राबड़ी देवी ने हाथों में तख्ती लेकर प्रदर्शन किया। इस दौरान आरजेडी के नेता भी मौजूद थे। तख्तियों पर लिखा था- जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी भागीदारी।
डोमिसाइल नीति लागू करने की मांग
राजद नेता अवध चौधरी ने कहा बिहार में शिक्षक भर्ती के दौरान बड़े पैमाने पर बाहर के प्रदेशों के शिक्षकों को नौकरी मिली। इसलिए प्रदेश सरकार जल्द से जल्द डोमिसाइल नीति लागू करे। ताकि राज्य के लोगों के साथ अन्याय न हो।
बजट पर मंत्री अशोक चौधरी ने दी प्रतिक्रिया
बिहार बजट पर मंत्री अशोक चौधरी ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि 3 लाख 17 करोड़ के बजट का सेंस ही विपक्ष को नहीं है। ऊर्दू के छात्रों को फिजिक्स में बैठा दिजिएगा तो कैसे पता चलेगा क्या है। झुनझुना बजा रहे हैं तो बजाने दीजिए।