बड़े पैमाने पर प्रशासनिक फेरबदल
इसके साथ ही प्रशासनिक स्तर पर भी बड़े पैमाने पर बदलाव किए गए हैं। हाल ही में राज्य में 61 डीएसपी का तबादला और पदस्थापन किया गया, जबकि कुछ दिन पहले ही 54 आईएएस अधिकारियों से लेकर एसडीओ तक के तबादले किए गए थे। इसे सरकार की चुनावी तैयारियों से जोड़कर देखा जा रहा है।
विकास से जुड़ी योजनाओं में आई तेजी
नीतीश सरकार की मुख्यमंत्री स्वयं सहायता भत्ता योजना, मुख्यमंत्री उद्यमी योजना, बिहार लघु उद्यमी योजना और मुख्यमंत्री कन्या सुरक्षा योजना जैसी प्रमुख योजनाओं को भी नई गति दी गई है। इन योजनाओं के तहत लाभार्थियों को समय पर लाभ पहुंचे, इसके लिए विभिन्न विभागों को निर्देश दिए गए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इन प्रयासों से सरकार चुनाव पूर्व जनसमर्थन मजबूत करने की कोशिश में है।
बिहार में हर पंचायत में लगेगा विशेष कैंप
बिहार सरकार ने 26 से 28 मई तक राज्यभर में विशेष आयुष्मान कार्ड निर्माण अभियान चलाने का फैसला लिया है। इस अभियान के तहत हर पंचायत में तीन दिवसीय कैंप लगाकर 60 लाख आयुष्मान भारत कार्ड बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसकी तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया है। 3 दिनों में बनाए जाएंगे 60 लाख आयुष्मान कार्ड
मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने गुरुवार को इस अभियान को लेकर सभी जिलों के डीएम के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा बैठक की। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि तय लक्ष्य हर हाल में पूरा किया जाए। अभियान में 62 हजार आशा कार्यकर्ताओं और डाटा एंट्री ऑपरेटरों की मदद ली जाएगी। सरकार ने निर्देश दिया है कि हर पंचायत सरकार भवन, वार्ड कार्यालय और वसुधा केंद्र में कैंप लगाए जाएं ताकि कोई भी पात्र व्यक्ति वंचित न रह जाए।
386 ASI का तबादला
बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले प्रशासनिक हलचल तेज हो गई है। इसी क्रम में पुलिस महकमे में बड़े पैमाने पर तबादले किए गए हैं। पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार 386 सहायक अवर निरीक्षकों (ASI) का तत्काल प्रभाव से तबादला कर दिया गया है। यह निर्णय 19 और 20 मई 2025 को पुलिस मुख्यालय में हुई स्थानांतरण समिति की बैठक में लिया गया।
61 DSP का ट्रांसफर-पोस्टिंग
वहीं दूसरी ओर, गृह विभाग ने बिहार पुलिस सेवा के 61 डीएसपी अधिकारियों का भी स्थानांतरण और पदस्थापन किया है। इनमें कई एसडीपीओ और परीक्ष्यमान डीएसपी शामिल हैं, जिन्हें अलग-अलग जिलों और अनुमंडलों में नई जिम्मेदारी दी गई है। चुनाव से पहले किए जा रहे इन व्यापक तबादलों को प्रशासनिक सशक्तिकरण और कानून-व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।