Bridge Collapses: गुजरात में पुल ध्वस्त, 10 की मौत पर माच्छु केबल पुल त्रासदी की याद हो आई, भारत में ब्रिज गिरने के बारे में क्या कहते हैं आंकड़ें
Bridge Collapsed in India: भारत में पुल का गिरना आम बात हो गई है। एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 1977 से लेकर 2017 तक देश में 2130 पुल ढहने की घटना हुई। गुजरात में 2022 में अकेले मोरबी के माच्छु नदी केबल पुल गिरने से 132 लोगों की जान चली गई थी।
गुजरात के महीसागर नदी पर बना गंभीरा पुल ध्वस्त होने से 10 लोगों की जान चली गई। (फोटो: IANS)
Bridge Collapse in Gujarat: गुजरात के महीसागर नदी पर बना गंभीरा पुल 9 जुलाई 2025 की सुबह ध्वस्त (Gambhira Bridge Collapse on Mahisagar) हो गया। वर्ष 1985 में निर्मित इस पुल के ढहने से 10 लोगों की जान चली गई जबकि अन्य पांच जख्मी हो गए। यह पुल वडोडरा जिले में स्थित था। इस घटना के बाद लोगों को तीन साल पहले मोरबी के माच्छु नदी पर बने केबल पुल (Morbi Bridge Collapse in 2022) के गिरने की याद हो आई जिसमें 141 लोगों की जान गई थी। भारत में पुल के गिरने की कई घटना हो चुकी है। आइए हम इस संवेदनशील मुद्दे की गहराई को आंकड़ों के जरिए जानने और समझने की कोशिश करते हैं।
2130 Bridges Collapse in 40 years in India: भारत में पुलों का गिरना कोई नई बात नहीं है। अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका स्ट्रक्चर एंड इंफ्रास्ट्रक्चर इंजीनियरिंग में प्रकाशित एक रिपोर्ट “1977 से 2017 तक भारत में पुलों के ध्वस्त होने का विश्लेषण” के अनुसार, इन 40 वर्षों में कुल 2130 पुल गिरे। यह रिपोर्ट वर्ष 2020 में प्रकाशित की गई थी। पुल गिरने की घटना आम बात हो गई, इसे बिहार के संदर्भ में आसानी से समझा जा सकता है।
बिहार में पुल गिरते नहीं, चूहे कुतरते हैं
Bridges Collapse in Bihar: बिहार में वर्ष 2024 के जून महीने में सिर्फ 10 दिनों के भीतर एक के बाद एक करके चार पुल ढह गए। पुल गिरने की ये घटनाएं क्रमश: बिहार के अररिया, सीवान और मोतीहारी के बाद किशनगंज में घटीं। इससे पहले 4 जून 2024 को गंगा नदी पर निर्माणाधीन पुल के धाराशयी होने की घटना भी याद हो आई। बिहार में लगातार पुल गिरने की घटना को लेकर यह जुमला चलना में आ गया था कि बिहार में पुल खुदकुशी कर रहे हैं।
भारत से अमेरिका में सालाना ज्यादा पुल ढहते हैं
वर्ष 2021 से लेकर 2024 तक राष्ट्रीय राजमार्ग पर बने 21 पुल गिरने (21 bridges collapsed on national highways) की घटनाएं हुई हैं। इनमें से 15 का निर्माण कार्य पूरा हो चुका था जबकि छह पुल निर्माणाधीन थे। वहीं वर्ष 2020 से लेकर वर्ष 2023 तक 32 पुल धवस्त हुए जबकि अकेले उत्तराखंड में इस अवधि में पांच पुल ढहे। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत में वर्ष 2019 से अगस्त 2024 तक कुल 42 बड़े और छोटे पुल गिरने की घटना हुई है। भारत ही नहीं अमेरिका की सिविल इंजिनीयर्स सोसायटी के अनुसार यूएसए में हर साल 128 पुल औसतन गिरते हैं।
क्यों पुल गिरने की घटती है घटनाएं?
Why Bridge collapses? जब भी पुल निर्माण का खाका खींचा जाता है तो उसमें कुछ बातों का विशेष उल्लेख किया जाता है। पहला यह कि इस पुल की उम्र अधिकतर कितनी हो सकती है। उसकी भार क्षमता एक समय में कितनी अधिकतम होगी इत्यादि। लिहाजा एक पुल को बनाने के समय यह अनुमान किया गया था, इसको हम अगले 50 सालों तक इस्तेमाल में लाएंगे लेकिन 50 साल पूरा होने के बाद कई दशक गुजर जाने के बाद भी उसका कोई विकल्प नहीं तैयार करते हैं। ना ही उसके मेंटिनेंस पर ज्यादा ध्यान देते हैं। इसके अलावा बाढ़ की हालत में भी कई बार पुल ध्वस्त हो जाता है। उपरोक्त उल्लिखित रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 1977 से 2017 तक 2130 पुल गिरने की मुख्य वजहों में प्राकृतिक आपदाओं (80.3%), खराब सामग्री के चलते क्षरण (10.1%), और अधिक भार (3.28%) के कारण रहे।
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