वर्ष | राशि |
2013-14 | 27,663 |
2016-17 | 47,912 |
2019-20 | 1,09,261 |
2020-21 | 1,24,060 |
2021-22 | 1,26,202 |
2022-23 | 1,18,256 |
2023-24 | 1,25,026 |
2025-26* | 1,75,000 |
महाकुंभ में भगदड़ के बाद सोशल मीडिया पर फूट रहा लोगों का गु्स्सा, इंतजामों को लेकर प्रशासन पर उठे सवाल
इन पर होगा खर्च
सूत्रों के अनुसार, कृषि के लिए अतिरिक्त बजट आवंटन का इस्तेमाल अधिक उत्पादन देने वाली किस्मों के विकास, भंडारण, आपूर्ति के लिए बुनियादी ढांचे का निर्माण के साथ दलहन, तिलहन, सब्जियों और डेयरी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।ये सौगातें मिलने की उम्मीद
—बजट में किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसीd) के तहत ऋण की सीमा को मौजूदा 3,00,000 रुपए से बढ़ाकर 5,00,000 रुपए प्रति किसान किया जा सकता है।
—खाद, बीज और कृषि मशीनों पर मिलने वाली सब्सिडी राशि को डीबीटी के माध्य से सीधे किसानों के खातों में ट्रांसफर किया जा सकता है।
—कृषि से जुड़ी दूसरी सब्सिडी जैसे ड्रिप सिंचाई, पॉलीहाउस या ट्रैक्टर के लिए भी डीबीटी लागू किया जा सकता है।
—पीएम किसान सम्मान निधि योजना में अन्नदाताओं को सालाना 10,000 से 12,000 रुपए देने का फैसला हो सकता है, जो अभी सालाना 6,000 रुपए है।
—फसल बीमा योजना का दायरा बढ़ाया जा सकता है। 2 हैक्टेयर तक कृषि भूमि वाले किसानों को भी यूनिवर्सल क्रॉप इंश्योरेंस स्कीम की सुविधा मिल सकती है।
—कृषि उपकरणों पर जीएसटी को कम करने की दिशा में कदम उठाए जा सकते हैं, हालांकि जीएसटी पर निर्णय आमतौर पर काउंसिल द्वारा लिए जाते हैं।
—स्टार्टअप्स और एग्रीटेक पर फोकस जारी रहने की उम्मीद है, जिसमें एग्रीटेक कंपनियों के लिए एक नए फंड बनाने की चर्चा भी है ताकि उनको और बढ़ावा दिया जा सके।
—ग्रामीण क्षेत्र के लिए ग्रामीण आवास और ग्रामीण सड़क योजना के लिए पर्याप्त फंडिंग पर ध्यान केंद्रित रहने की संभावना है।
—‘लखपति दीदी’ योजना पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा, क्योंकि यह ग्रामीण परिवारों को बहुआयामी लाभ देती है।