गुजरात से आप को है काफी उम्मीदें
गुजरात की कडी सीट से भाजपा (BJP) विधायक पंजाबभाई सोलंकी का फरवरी में निधन हो गया था। जिसके चलते सीट खाली हुई थी। विसावदर सीट से आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक भूपेंद्र भाई गंडूभाई ने 13 दिसंबर 2023 को पद से इस्तीफा दे दिया था। वह आप छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। उपचुनाव में आप ने गोपाल इटालिया को प्रत्याशी बनाया, जबकि भाजपा से किरीट पटेल प्रत्याशी हैं। विसावदर की सीट से आप प्रत्याशी गोपाल इटालिया फिलहाल आगे चल रहे हैं। शुरुआती रुझान के मुताबिक वह गोपाल बीजेपी उम्मीदवार किरीट पटेल से 945 वोट से आगे हैं। आम आदमी पार्टी को उपचुनाव से काफी उम्मीदे हैं। वह खुद को 2027 में होने वाली आगामी विधानसभा चुनाव में दावेदार के रूप में पेश कर रही है।
लुधियाना पश्चिम की सीट है आप के लिए साख का सवाल
पंजाब की लुधियाना पश्चिम सीट से आप विधायक गुरप्रीत बस्सी गोगी का इसी साल जनवरी में निधन हुआ था। इस सीट पर 14 उम्मीदवार ताल ठोक रहे हैं। सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी ने उपचुनाव में राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा को प्रत्याशी बनाया है। वह 2022 से राज्यसभा सांसद हैं। कांग्रेस (Congress) ने प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष भारत भूषण को चुनावी दंगल में उतारा है। भाजपा ने जीवन गुप्ता को प्रत्याशी बनाया है। आप के लिए यह सीट जीतना साख का सवाल है। दिल्ली का किला ढहने के बाद पंजाब एक मात्र आम आदमी पार्टी का गढ़ बन गया है। यहां साल 2027 में अगला विधानसभा चुनाव होना है। ऐसे में यह उपचुनाव आप के लिए लिटमस टेस्ट माना जा रहा है। शुरुआती रुझान के मुताबिक आप के उम्मीदवार संजीव अरोड़ा बढ़त बनाए हुए हैं। अगर आम आदमी पार्टी इस सीट को जीत लेती है, तो संभावना है कि आप संयोजक अरविंद केजरीवाल राज्यसभा जा सकते हैं।
कालीगंज है 2026 का लिटमस टेस्ट
पश्चिम बंगाल की कालीगंज सीट से तृणमूल कांग्रेस के विधायक नसीरुद्दीन अहमद का 2 फरवीर को हार्ट अटैक से निधन हो गया था। तब से यह सीट खाली थी। टीएमसी ने इस सीट से नसीरुद्दीन की बेटी अलीफा अहमद को कैंडिडेट बनाया है, जबकि बीजेपी ने आशीष घोष को उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन की तरफ से कांग्रेस उम्मीदवार काबिल उद्दीन शेख चुनावी मैदान में हैं। शुरुआती रूझान के मुताबिक यहां TMC की अलीफा अहमद बढ़त बनाए हुए है। साल 2026 में यहां विधानसभा चुनाव होना है। ऐसे में यह उपचुनाव सत्ता पक्ष और विपक्ष के लिए काफी मायने रखता है।
केरल में लेफ्ट को कांग्रेस और बीजेपी से मिल रही टक्कर
केरल की नीलांबुर सीट से वामपंथी लोकतांत्रिक मोर्चा के समर्थन से विधायक बने स्वतंत्र उम्मीदवार पीवी अनवर ने सीएम पिनाराई विजयन से मतभेद के चलते पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद वह तृणमूल कांग्रेस से जुड़ गए। उपचुनाव में तृणमूल ने पीवी अनरवर, कांग्रेस ने आर्यदान शौकत, सीपीआई(मार्क्सवादी) ने एम स्वराज और भाजपा ने माइकल जॉर्ज को चुनावी मैदान में उतारा है। लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने केरल में अपना खाता खोल लिया है। अब पार्टी की नजर आगामी विधानसभा चुनाव पर है। लेफ्ट के आखिरी किले को कांग्रेस के साथ-साथ बीजेपी से भी चुनौती मिल रही है। नीलांबुर सीट पर शुरुआती रूझान के मुताबिक कांग्रेस के आर्यदान शौकत आगे चल रहे हैं।