Delhi Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का ऐलान हो गया है। दिल्ली की सभी 70 विधानसभा सीटों पर एक चरण में 5 फरवरी को मतदान होगा और 8 फरवरी को नतीजे घोषित किए जाएंगे। विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने अपनी तैयारी तेज कर दी है। आम आदमी पार्टी ने विधानसभा चुनाव को लेकर सभी 70 सीटों पर अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। कांग्रेस ने 48 उम्मीदवार और बीजेपी ने 29 प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिए। दिल्ली में कांग्रेस, बीजेपी और आम आदमी पार्टी में त्रिकोणीय मुकाबला है। तीनों ही पार्टी अपनी-अपनी जीत के दावे कर रही है। दिल्ली में आप पार्टी तीसरी बार सरकार बनाने के लिए जोर लगा रही है। वहीं बीजेपी ने भी बाजी पलटने के लिए ताकत झोंक दी है। कांग्रेस भी सत्ता में वापसी के लिए अपनी ताकत लगा रही है।
ताकत दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सबसे मजबूत ताकत है वो अरविंद केजरीवाल है। अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के नेतृत्व में दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने दो बार सत्ता बनाई है। इस बार बीजेपी और कांग्रेस के कई नेता आम आदमी पार्टी में शामिल हुए है। इनमें से कई को आप पार्टी ने टिकट दिया है। आप पार्टी ने जनता के लिए कई लोकलुभावन वादे किए है। जिनमें महिला सम्मान योजना और संजीवनी योजना है। इन योजनाओं के माध्यम से पार्टी ने वोटरों को जोड़ने का प्रयास किया है। विधानसभा चुनाव में आप पार्टी को इंडिया गठबंधन के सपा और टीएमसी ने समर्थन दिया है।
कमजोरी आम आदमी पार्टी को इस बार एंटी इनकंबेंसी का भी सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा पार्टी के कई नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे थे। अरविंद केजरीवाल सहित पार्टी के कई बड़े नेता जेल जा चुके हैं। शीश महल को लेकर बीजेपी लगातार आप पार्टी पर सवाल उठा रही है। पार्टी ने टिकट वितरण में एंटी इनकंबेंसी का भी ध्यान रखा। कई मौजूदा विधायकों का टिकट भी काटा है। वहीं मनीष सिसोदिया की सीट भी बदली है। चुनाव से पहले कई बड़े नेताओं ने पार्टी छोड़ दी।
कांग्रेस (Congress)
मजबूत पक्ष सत्तारुढ़ पार्टी आम आदमी पार्टी पर कांग्रेस लगातार हमलावर है। कांग्रेस के पास दिल्ली की जनता को दिखाने के लिए पूर्व सीएम शीला दीक्षित के कार्यकाल में हुए विकास कार्य है। कांग्रेस इसी आधार पर लोगों से समर्थन मांगती रही है। कांग्रेस ने आप पार्टी के बड़े नेताओं के सामने अपने भी बड़े नेता उतारे हैं। नई दिल्ली विधानसभा सीट से अरविंद केजरीवाल के सामने संदीप दीक्षित और कालकाजी से आतिशी के सामने अलका लांबा को उतारा है। कांग्रेस ने ‘प्यारी दीदी योजना’ और चिरंजीवी की तरह ‘जीवन रक्षा योजना’ की घोषणा की है।
कमजोर पक्ष दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के पास खोने के लिए कुछ नहीं है लेकिन पाने के लिए बहुत कुछ है। दरअसल, पिछले दो चुनाव में कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला था। कांग्रेस के पास शीला दीक्षित जैसे कोई चेहरा नहीं है जिसको जनता के साथ जोड़ा जा सके। पिछले दो चुनावों में भी कांग्रेस का वोट प्रतिशत 5 प्रतिशत से भी कम रहा। वहीं अजय राय ने कहा कि केजरीवाल ने लोगों को ठगने का काम किया है, देखें वीडियो
भारतीय जनता पार्टी (BJP)
ताकत दिल्ली में बीजेपी ने पिछले तीन लोकसभा चुनाव में सभी सीटों पर जीत हासिल की थी। हरियाणा और महाराष्ट्र में भी हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी को जीत मिली थी। बीजेपी के पास पीएम नरेंद्र मोदी एक ऐसा चेहरा है जिसके नाम पर चुनाव लड़ती है। हरियाणा और महाराष्ट्र में भी मोदी के नाम पर ही बीजेपी ने चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी। इसके अलावा बीजेपी को संघ का भी साथ मिलता है जो कि दिल्ली चुनाव में एक मजबूती प्रदान करेगा।
कमजोरी दिल्ली में बीजेपी भले ही लोकसभा चुनाव में सभी सीटें जीतती है लेकिन विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ता है। पिछली बार दिल्ली में बीजेपी ने 1993 में सरकार बनाई थी। दिल्ली के पिछले 6 चुनावों में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। बीजेपी के पास भले ही पीएम मोदी एक मजबूत चेहरा हो लेकिन स्थानीय चेहरा नहीं है जिसे जनता के साथ जोड़ा जा सके।