पानीपूरी बेचने वाले देवराज एन के बेटे की मौत हो गई
भगदड़ में जान गंवाने वालों में सभी की उम्र 40 वर्ष से कम थी। इस दर्दनाक हादसे में पानीपूरी बेचने वाले देवराज एन टी के 18 साल के बेटे मनोज कुमार की भी मौत हो गई। मनोज अपने पड़ोस के तीन दोस्तों के साथ RCB की जीत का जश्न मनाने स्टेडियम गया था। मनोज के दोस्त ने बताया कि स्टेडियम जाने की जिद मनोज ने ही की थी। वहीं देवराज ने अपने बेटे की मौत का दोष उसके दोस्तों पर लगाया। उन्होंने कहा, “ये लोग ही उसे जबरन स्टेडियम लेकर गए थे।” गिरा लगभग 500 लोग कुचल कर चले गए’, दिल देहला देने वाला था भगदड़ का मंज़र बेंगलुरु के बोरिंग अस्पताल की मोर्चरी के बाहर अपने बेटे की पहचान करने पहुंचे देवराज ने रोते हुए द इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “मैंने उसे कभी अपनी पानीपुरी की दुकान पर प्लेटें साफ़ करने नहीं दीं, क्योंकि मैं चाहता था कि वह कॉलेज जाए। मैंने उसे बड़ी मेहनत और प्यार से पाला था। अब वह चला गया।”
किसी और के पास था मनोज का फोन
देवराज को टीवी के जरिये भगदड़ का पता चला। जिसके बाद उन्होंने तुरंत मनोज को फोन लगाया, लेकिन फोन किसी और ने उठाया। देवराज ने कहा,”तभी मुझे कुछ गड़बड़ महसूस हुआ।” मनोज का परिवार 22 साल पहले बेंगलुरु आकर बसा था। मूल रूप से वे कर्नाटक के तुमकुरु जिले के निवासी थे। मनोज अपने माता-पिता के साथ येलहंका इलाके में रहते थे।
सरकारी मुआवजे पर देवराज ने यह कहा
देवराज ने कहा, “पुलिस ने मुझे फोन किया और बोरिंग अस्पताल आने को कहा। मुझमें अपने बेटे की लाश देखने की हिम्मत नहीं थी।” उन्होंने आगे बताया, “वह दो दोस्तों के साथ उस कार्यक्रम में गया था। उसने मुझे कहा था कि वह सिर्फ विधान सौधा तक जाएगा। मुझे नहीं पता था कि वह चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास गया है।” देवराज ने सरकार द्वारा 10 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा पर भावुक होकर कहा, “मैं 50 लाख… 1 करोड़ रुपये देने को तैयार हूं। क्या इससे मेरा बेटा वापस आ जाएगा?” बता दें भगदड़ के दौरान मनोज अपने दोस्तों से बिछड़ गया था। उसकी मौत की खबर 24 वर्षीय मोहम्मद हुसैन नाम के शख्स ने दी। हुसैन ने मनोज को अस्पताल पहुंचाने में मदद की थी और साथ ही उसका मोबाइल फोन की उसी के पास था।