इंडिगो ने मांगा था छह महीने का समय
इंडिगो ने DGCA को पत्र लिखकर इस व्यवस्था को छह महीने और बढ़ाने की अनुमति मांगी थी, जिसे नियामक ने ठुकरा दिया। हालांकि, सरकार ने यात्रियों की सुविधा और उड़ानों की निरंतरता को देखते हुए तीन महीने का समय दिया है। इस दौरान इंडिगो को अपनी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का वैकल्पिक प्रबंध करना होगा। कंपनी ने लिखित में यह आश्वासन भी दिया है कि वह 31 अगस्त के बाद डंप लीज को समाप्त कर देगी और आगे विस्तार की मांग नहीं करेगी।
तुर्किए एयरलाइंस के दो बोइंग लीज पर संचालित
एक वरिष्ठ विमानन अधिकारी ने बताया कि इंडिगो वर्तमान में तुर्किए एयरलाइंस के दो बोइंग 777 विमान डंप लीज पर संचालित कर रही है। इन विमानों के माध्यम से कंपनी दिल्ली और मुंबई से इस्तांबुल के लिए सीधी उड़ानें चलाती है। यह साझेदारी 2023 से जारी है और तुर्किए एयरलाइंस के साथ इंडिगो का कोड-शेयर समझौता 2018 से चला आ रहा है।
सेलेबी की सुरक्षा मंजूरी रद्द होने के बाद इंडिगो पर बढ़ा संकट
इस बीच भारत सरकार ने हाल ही में तुर्किए की ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी ‘सेलेबी’ की सुरक्षा मंजूरी रद्द कर दी थी, जिससे उसे नौ प्रमुख भारतीय हवाई अड्डों से प्रतिबंधित कर दिया गया है। माना जा रहा है कि इस घटनाक्रम का असर भी डंप लीज के विस्तार अनुरोध को खारिज किए जाने में एक कारण रहा। वेट लीज पर सरकार के नियमों का पालन करेंगे: इंडिगो सीईओ
इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने बयान जारी कर कहा कि कंपनी वेट लीजिंग से जुड़े सभी सरकारी नियमों का पालन कर रही है। वेट लीजिंग व्यवस्था के तहत विमान देने वाली एयरलाइन ही चालक दल, रखरखाव और बीमा जैसी जिम्मेदारियों को संभालती है। एल्बर्स ने भरोसा दिलाया कि इंडिगो यात्रियों की सुविधा को प्राथमिकता देते हुए वैकल्पिक व्यवस्था करेगी।
फिलहाल, तुर्किए एयरलाइंस से पट्टे पर लिए गए प्रत्येक बोइंग 777 विमान में 500 से अधिक सीटें हैं और यह भारत से तुर्की और आगे यूरोप के नेटवर्क तक यात्रियों की कनेक्टिविटी बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।