चिंताजनकः
कम हुआ श्रमिकों का औसत वेतन
पुरुष स्व-नियोजित श्रमिकों के लिए वास्तविक मासिक वेतन 2017-18 (9,454 रुपये) के स्तर की तुलना में 2023-24 में 9.1 प्रतिशत कम (8,591 रुपये) था। 2023-24 में महिला स्व-नियोजित श्रमिकों के लिए मासिक वेतन भी 32 प्रतिशत कम होकर 2,950 रुपये हो गया। पुरुष वेतनभोगी श्रमिकों के लिए मासिक वेतन 2017-18 के 12,665 रुपये से 2023-24 में 6.4 प्रतिशत कम (11,858 रुपये) रहा। महिला वेतनभोगी श्रमिकों के लिए, यह 2017-18 के 10,116 रुपये से 2023-24 में 12.5 प्रतिशत कम (8,855 रुपये) रहा।Patrika pre-budget survey: पांच साल में एक तिहाई लोगों की भी माली हालत नहीं हुई बेहतर, महंगाई-बेरोजगारी सबसे बड़ी चिंता
सुझावः
एमएसएमई में सुधार करने की जरूरत
-आर्थिक सर्वेक्षण में सुझाव दिया गया कि तेज आर्थिक विकास के लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के लिए सुधारों को लागू करने की आवश्यकता है।-अधिक नियामक बोझ चुनौती बना हुआ है। इसे कम करने की आवश्यकता है। सरकारें व्यवसायों को अधिक कुशल बनने, लागत कम करने और विकास के नए अवसर खोलने में मदद कर सकती हैं।
Economic Survey 2025: कम हुआ श्रमिकों का औसत वेतन, सरकार बोली- काबू में है मंहगाई
पढ़ाई में एआइ का उपयोग बढ़ाया जाए
-शिक्षकों की क्षमताओं को बढ़ाने और उन्हें 21वीं सदी की मांगों के अनुरूप तैयार करने के क्रम में सरकार ने एक अत्याधुनिक डिजिटल प्लेटफॉर्म ‘टीचर्सऐप’ शुरू किया है।-वंचित और गरीब विद्यार्थियों के लिए विश्वविद्यालयों द्वारा छात्रवृत्तियां, ऑनलाइन शिक्षा, ओपन डिस्टेंस लर्निंग और दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए सुलभ शिक्षण सामग्री की उपलब्धता बढ़ाई जाए।
Budget: बजट 2024 में महिलाओं को मिले थे क्या-क्या तोहफे, जानिए
अर्थव्यवस्था की बेहतरी के अच्छे संकेत
सर्विस निर्यात में सातवां स्थान
1- आर्थिक सर्वेक्षण में बताया गया कि युद्ध और तनाव के कारण भू-राजनैतिक जोखिम बने हुए हैं, जिससे वैश्विक आर्थिक परिदृश्य को खतरा बना हुआ है।नियंत्रण में है मंहगाई दर
1- आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक महंगाई नियंत्रण में है। वित्त वर्ष 25 के अप्रैल-दिसंबर की अवधि में औसत महंगाई कम होकर 4.9 हो गई है, जो कि वित्त वर्ष 24 में 5.4 प्रतिशत थी।खेती-किसानी के हालात बेहतर
5- कृषि क्षेत्र की स्थिति मजबूत है। 2024 में खरीफ सीजन का खाद्यान्न उत्पादन 1647.05 लाख मीट्रिक टन तक पहुंचने की उम्मीद है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 89.37 एलएमटी की वृद्धि दर्शाता है।70 फीसदी स्कूल सरकारी, ड्रॉपआउट में कमी
-बड़े शहरों में भले ही बड़ी संख्या में निजी स्कूल खुल गए हों लेकिन देश के 69 प्रतिशत स्कूल आज भी सरकारी हैं जिनमें कुल छात्रों में 50 फीसदी शिक्षा ग्रहण करते हैं। 51 प्रतिशत शिक्षक कार्यरत हैं।-स्कूली शिक्षा प्रणाली के अंतर्गत देश के 14.72 लाख स्कूलों में 98 लाख शिक्षक 24.8 करोड़ छात्रों को शिक्षा प्रदान करते हैं। 22.5 फीसदी निजी स्कूलों में 32.6 प्रतिशत छात्र हैं जहां 38 फीसदी शिक्षक कार्यरत हैं।
-स्कूली शिक्षा अधूरी छोड़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या में लगातार गिरावट आई है। प्राथमिक स्तर पर यह दर 1.9 प्रतिशत, उच्च प्राथमिक स्तर पर 5.2 प्रतिशत तथा माध्यमिक स्तर पर 14.1 प्रतिशत है।
बैंकों का एनपीए कम, मुनाफा बढ़ा
-सितंबर 2024 में बैंकों का ग्रॉस एनपीए 12 वर्षों के निचले स्तर 2.6 प्रतिशत पर आ गया है। इसके साथ ही चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में बैंक का मुनाफा सालाना आधार पर 22.2 प्रतिशत बढ़ा है।मेक इन इंडिया’ से ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ की ओरः मुर्मु
-राष्ट्रपति मुर्मु ने संसद के संयुक्त संत्र को संबोधित करते हुए कहा कि हम ‘मेक इन इंडिया’ से ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ की ओर बढ़े हैं। इससे देश में रोजगार के नए अवसर भी बन रहे हैं।-आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में आगे बढ़ाते हुए ‘इंडिया एआइ मिशन’ प्रारम्भ किया गया है। बीते दशक में भारत ने वर्ल्ड क्लास इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण के कई मील के पत्थर स्थापित किए किए हैं।
-इस आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर से दुनिया में भारत की छवि मजबूत हुई है, निवेशकों का भारत के प्रति भरोसा बढ़ा है, उद्योगों को बल मिला है और नए रोजगार का निर्माण हो रहा है।
-क्यूएस वर्ल्ड फ्यूचर स्किल इंडेक्स 2025 में भारत विश्व में दूसरे नंबर पर पहुंच गया है। यानी फ्यूचर ऑफ वर्क श्रेणी में एआइ और डिजिटल तकनीक अपनाने में भारत दुनिया को रास्ता दिखा रहा है।