पत्रिका से बातचीत में लक्ष्मी ने बताया कि पुलिस वालों की वजह से हमारी देवरानी की मौत हुई है। पुलिस वालन नहीं भगाए होते तो हमार देवरानी बच जाती। उन्होंने बताया कि हम लोग तो सो रहे थे। रात 11 बजे अचानक पुलिस वाले आए और डंडा मारते हुए बोले कि जाओ अमृत स्नान करो। जबकि हम लोग 4 बजे नहाने वाले थे। हमारे लोग जैसे ही नहाने के लिए आगे बढ़ रहे थे, तभी कुछ लोग सामने से भागते हुए आते हैं और धक्का मुक्की करते हुए आगे बढ़ने की कोशिश करते हैं। इनकी वजह से भगदड़ मच जाती है। लक्ष्मी ने आगे बताया की धक्का-मुक्की के बाद उनकी देवरानी का हाथ उनकी बेटी के हाथ से छूट गया और वो दोनों नीचे गिर गए और वहीं देवरानी की मौत हो गई।
पुलिस ने गाली देकर भगाया
छतरपुर जिले से ही आए एक अन्य व्यक्ति ने बताया कि 11 बजे रात को पुलिस आई और लाठी से जगाया। हमने कहा कि लेटे रहने दो। उन्होंने भगा दिया कि जाओ डुबकी ले लो। हमने मना किया कि हम सुबह में डुबकी लेंगे या दोपहर में। ये कहने पर पुलिस वालों ने गाली देकर भगा दिया। इस तरह पूरी पब्लिक जमा हो गई। उन्होंने बताया की हमारे साथ कुल 11 लोग थे। कुछ लोगों का अभी पता नहीं चल पाया है।
शव की जानकारी नहीं मिल रही
चित्रकुट के तरौहा से आए एक व्यक्ति ने बताया कि हादसे में उनके बहनोई चंद्रपाल कुशवाहा की मौत हो गई। उनके शव का पता नहीं चल रहा है। . अस्पताल से भी कुछ नहीं बताया जा रहा।
अराजक तत्वों की हरकत से भगदड़
यूपी के कुशीनगर से आई महिलाओं ने कुछ अराजक तत्वों पर आरोप लगाया कि संगम घाट पर लगभग 10 लड़के तेजी से धक्का- मुक्की करते हुए पानी में कूदे और स्नान कर रही कुछ महिलाओं को पानी में अपने कोहनी से दबाने लगे। इसी कारण भगदड़ मच गई।