परीक्षण के बाद अब देशभर में होगी लागू
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने रेलवे बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक में इस योजना की समीक्षा की। बैठक में बताया गया कि उत्तरी रेलवे में सफल परीक्षण के बाद अब यह योजना देशभर में लागू की जाएगी। रेलवे का यह कदम यात्रियों के लिए सुरक्षित और आधुनिक यात्रा अनुभव सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।
हर कोच में लगेंगे चार डोम-टाइप सीसीटीवी कैमरे
योजना के तहत हर कोच में चार डोम-टाइप सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, जिनमें से दो कैमरे दोनों दरवाजों के पास होंगे। वहीं, प्रत्येक इंजन में छह कैमरे लगाए जाएंगे, जिनमें आगे, पीछे और दोनों ओर एक-एक कैमरा लगेगा। इसके अलावा फ्रंट और रियर कैब में एक-एक डोम कैमरा और दो डेस्क माउंटेड माइक्रोफोन भी लगाए जाएंगे, जिससे इंजन संचालन की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा सकेगी।
लेटेस्ट टेक्नोलॉजी से लै होंगे कैमरे
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि ये कैमरे नवीनतम तकनीक से लैस और एसटीक्यूसी प्रमाणित होंगे। रेल मंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि कैमरे ऐसे हों, जिनसे 100 किलोमीटर प्रति घंटे या उससे अधिक रफ्तार से चलने वाली ट्रेनों में भी साफ रिकॉर्डिंग हो सके। इसके साथ ही कम रोशनी में भी कैमरे बेहतर प्रदर्शन करें, इसका विशेष ध्यान रखा जाएगा।
AI की भी ली जाएगी मदद
इंडिया एआई मिशन का सहयोग लेते हुए रेल मंत्री ने अधिकारियों से कहा है कि इन कैमरों से प्राप्त डेटा का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के माध्यम से विश्लेषण किया जाए, ताकि संदिग्ध गतिविधियों को पहचानकर समय रहते कार्रवाई की जा सके। यह रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक स्मार्ट और प्रभावी बनाएगा।
अब ट्रेन में असामाजिक तत्वों की खैर नहीं
रेल मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि यात्रियों की गोपनीयता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। कैमरे केवल सार्वजनिक क्षेत्रों में ही लगाए जाएंगे, जिससे यात्री निश्चिंत होकर यात्रा कर सकें।