शनिवार देर शाम कृष ने रिम्स अस्पताल में मौजूद मरीजों व तीमारदारों से पूछा, ‘क्या कोई तकलीफ है आपको। कृष के यह कहते ही उसके साथ आए युवकों ने वहां मौजूद लोगों से कहा कि कोई तकलीफ है तो बताइए, मंत्री जी का बड़ा लड़का आए हुए हैं। किसी को भी कोई दिक्कत हो रही हो तो सर को डिटेल दे दीजिएगा। कृष ने मरीजों से कहा कि तकलीफ डिटेल में बताइए, डायरेक्टली बात करेंगे। इसके बाद कृष अपने साथियों के साथ पारस अस्पताल पहुंचा। यहां एक मरीज के बिल को देखकर बोला कि ये चार्जेज तो इनवैलिड है।
बेटे के बचाव में आए मंत्री इरफान
मामला तूल पकड़ने के बाद झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी का बयान आया है। अंसारी ने अपने बेटे की हरकत का बचाव करते हुए कहा कि उनका बेटा कृष न तो किसी अस्पताल का निरीक्षण करने गया था, न ही नेतागिरी करने के लिए। वह केवल अपने शिक्षक के बीमार पिता का हालचाल जानने के लिए रिम्स गया था। बता दें कि कृष अंसारी उत्तराखंड में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है। वह अभी छुट्टी पर घर आया हुआ है।
लोकतंत्र नहीं पारिवारिक राज तंत्र है ये
बीजेपी ने इस मामले पर कहा कि झारखंड में लोकतंत्र नहीं, पारिवारिक राज का नया संस्करण चल रहा है। हेमंत सरकार में राजनीति के नए मानदंड स्थापित हो रहे हैं। भाजपा ने पूछा कि क्या ब स्वास्थ्य मंत्री के पुत्र सरकारी अस्पतालों का निरीक्षण करेंगे? वित्त मंत्री के पुत्र बजट की फाइलें देखेंगे? शिक्षा मंत्री के पुत्र शिक्षकों की हाजिरी चेक करेंगे? झारखंड की जनता को बताना होगा कि आखिर सरकार कौन चला रहा है। मंत्री व विधायक या उनके वारिस।
कृष मासूम बच्चा नहीं
भाजपा ने कहा कि इरफान अंसारी खुद घर में बैठकर अपने बेटे को अस्पतालों का निरीक्षण करने भेज रहे हैं। मंत्री अंसारी ने जिस तरह से अपने बेटे का बचाव किया है, इससे साफ पता चलता है कि उसने सारा काम मंत्री के कहने पर किया है। जो लड़का छात्र नेता के रूप में अपना खुद का पोस्टर लगवाता हो, अपनी टोली के साथ जनता को पिता के पद का धौंस दिखाता हो, उसे मासूम बच्चा नहीं समझा जा सकता है।