कौन था नक्सली बसवराजू
बसवराजू, जिसे केशवराव, नरसप्पा, गजानन और बसवा राजू के नाम से भी जाना जाता था। वह पिछले 35 सालों से माओवादी संगठन की केंद्रीय कमेटी का सदस्य था। इसके साथ ही उस पर डेढ़ करोड़ का भी इनाम घोषित था। बता दें कि बसवराजू का असली नाम नंवबल्ला केशव राव है। वह श्रीकाकुलम जिले का रहने वाला था। उसकी उम्र 68 साल थी। बसवराजू के पिता का नाम वासुदेवा राव है।
2018 में बना CPI माओवादी का महासचिव
दरअसल, नक्सली बसवराजू नंवबर 2018 में सीपीआई माओवादी का महासचिव बना। वह नक्सल संगठन का महासचिव था और छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ क्षेत्र में सक्रिय था। बम बनाने में था माहिर
बसवराजू बी.टेक डिग्री धारक था और इंजीनियरिंग में शिक्षित होने के कारण नक्सलियों के लिए बम बनाने और गुरिल्ला युद्ध की रणनीति तैयार करने में माहिर था। वह संगठन के लिए विस्फोटक और हथियार डिजाइन करने में विशेषज्ञ था। LTTE से लिया था प्रशिक्षण
बसवराजू ने श्रीलंका के तमिल संगठन लिट्टे (LTTE) से गुरिल्ला युद्ध और विस्फोटकों की ट्रेनिंग ली थी, जिसने उसे नक्सली गतिविधियों में और खतरनाक बना दिया।
हमेशा रखता था AK-47
बसवराजू हमेशा अपने पास एके-47 रायफल रखता था। वह 24 सालों से पोलित ब्यूरो सदस्य के तौर पर काम कर रहा है। उसने पार्टी के केंद्रीय सैन्य आयोग के प्रभारी के तौर पर भी काम किया है।
एक जवान हुआ शहीद
मुठभेड़ के बाद बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने कहा हमले का सामना करते हुए डीआरजी टीम का एक सदस्य शहीद हो गया। मुठभेड़ के दौरान कुछ अन्य कर्मी घायल हो गए। तलाशी अभियान जारी है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा नक्सलवाद को खत्म करने की लड़ाई में एक ऐतिहासिक उपलब्धि। आज, छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में एक ऑपरेशन में, हमारे सुरक्षा बलों ने 27 खूंखार माओवादियों को मार गिराया है, जिनमें सीपीआई-माओवादी के महासचिव, शीर्ष नेता और नक्सल आंदोलन की रीढ़ नंबाला केशव राव उर्फ बसवराजू भी शामिल हैं।