फेक नैरेटिव के जरिए माहौल खराब करने की कोशिश
प्रशासन ने कहा कि अरामबाई की गिरफ्तारी के बाद कुछ असामाजिक तत्व सोशल मीडिया के जरिए भड़काऊ संदेश, तस्वीरें और वीडियो प्रसारित कर राज्य की कानून-व्यवस्था बिगाड़ सकते हैं। राज्य की शांति भंग हो सकती है। गृह विभाग के सचिव एन अशोक ने कहा कि ये फैसला आपात स्थिति में बिना पूर्व सूचना के लिया गया है, ताकि किसी भी प्रकार के फेक नैरेटिव को रोका जा सके। उन्होंने अपने आदेश में कहा कि नियम का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इंफाल पूर्व से शुरू हुआ विद्रोह प्रदर्शन 5 जिलों में फैला
शनिवार देर रात जब मणिपुर पुलिस ने अरामबाई तेंगगोल को गिरफ्तार किया, लोग गिरफ्तारी का विरोध करने के लिए सड़कों पर उतर आए। क्वाकईथेल और यूरिपोक इलाकों में लोगों ने सड़कों पर टायर और पुराने फर्नीचर जलाकर प्रदर्शन किया और गिरफ्तार नेता की रिहाई की मांग की। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। प्रशासन ने अभी तक नहीं बताया है कि गिरफ्तार व्यक्ति कौन है? उस पर क्या आरोप लगाए गए हैं?
क्यों दो साल से जल रहा है मणिपुर
मणिपुर में 3 मई 2023 से हिंसा की शुरुआत हुई। मणिपुर में तीन मई 2023 को मैतेई (घाटी बहुल समुदाय) और कुकी जनजाति (पहाड़ी बहुल समुदाय) के बीच हिंसा शुरू हुई थी। मैतेई समाज की मांग थी कि उसे भी कुकी की तरह राज्य में शेड्यूल ट्राइब (ST) का दर्जा दिया जाए। कुकी समुदाय ने मैतेई समुदाय की आधिकारिक जनजातीय दर्जा दिए जाने की मांग का विरोध किया। जिसके बाद से हिंसा भड़क उठी।
9 मई को सीएम बीरेन सिंह ने दिया इस्तीफा
मणिपुर के सीएम एन बिरेन सिंह ने 9 मई 2025 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने राजभवन जाकर राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से मुलाक़ात की और उन्हें अपना इस्तीफ़ा सौंपा। फिलहाल, मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू है।