केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिये कड़े निर्देश
‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पिछले साल के अंत में खास निर्देश दिए थे। इसमें कहा गया था कि अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों और रोहिंग्या लोगों की पहचान की जाए, उनका पूरा सत्यापन किया जाए और ज़रूरी कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तार किया जाए। 15 नवंबर 2024 से 20 अप्रैल 2025 के बीच, केंद्रीय गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली पुलिस ने लगभग 220 अवैध प्रवासी और 30 विदेशी नागरिक पकड़े, जिनका वीज़ा एक्सपायर हो चुका था। इन लोगों को विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (FRRO) के हवाले किया गया। इसके बाद उन्हें रेल और सड़क मार्ग से पूर्वी राज्यों तक पहुंचाया गया और फिर ज़मीनी सीमा से बांग्लादेश वापस भेज दिया गया।
पहलगाम हमले के बाद कार्यवाही तेज हुई
पहलगाम हमले के बाद इस अभियान में और भी तेजी आई हैं। एक पुलिस अधिकारी ने बताया, “पिछले एक महीने में हिंडन एयरबेस से अगरतला तक 3-4 विशेष उड़ानें हुई हैं, जिनमें सभी अवैध प्रवासी भेजे गए हैं।” उन्होंने आगे कहा कि पिछले छह महीनों में करीब 700 अवैध प्रवासियों को बांग्लादेश वापस भेजा का चुका है।
बांग्लादेशी प्रवासियों और रोहिंग्या की गिरफ्तारी
शुरुआत में, दिल्ली के सभी 15 जिलों के डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (DCP) को निर्देश दिए गए कि वे सत्यापन अभियान चलाएं और अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों और रोहिंग्या को पहचानकर गिरफ्तार करें। ऑपरेशन से जुड़े एक सूत्र ने बताया,” इसके बाद दिल्ली पुलिस की पहली बटालियन की टीम और FRRO अधिकारी गिरफ्तार किए गए अवैध प्रवासियों को ट्रेन के जरिए पश्चिम बंगाल लेकर गए। वहां से वे बस द्वारा आगे बढ़े और सभी अवैध प्रवासियों को सीमा सुरक्षा बल (BSF) के हवाले किया, जिसके बाद उन्हें बांग्लादेश निर्वासित कर दिया गया।
अमित शाह ने पुलिस को दिये कड़े निर्देश
रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली में बीजेपी की सरकार बनने के बाद, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पुलिस को बड़ी साजिश को बेनकाब करने के निर्देश दिए हैं। एक सूत्र के अनुसार, “पुलिस से कहा गया है कि वे अपनी जांच और गहराई से करें और उन गुप्त नेटवर्क के खिलाफ सख्त कानूनी कदम उठाएं जो अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या प्रवासियों को भारत में दाखिल होने और नकली दस्तावेज़ बनाने में मदद करते हैं।” राज्यों को बांग्लादेश और म्यांमार से आए संदिग्ध अवैध प्रवासियों के दस्तावेज़ जांचने के लिए 30 दिनों का समय दिया गया था। अगर उनके दस्तावेज़ सत्यापित नहीं हुए, तो उन्हें देश निकाला जाना था। अब, गृह मंत्रालय ने नई हिदायतें जारी की हैं ताकि पहचान पत्र जारी करने में जो भी कमियां थीं, उन्हें सही किया जा सके और ऐसी खामियों से बचा जा सके।
स्पेशल सेल ने की ढेरों एफ़आईआर
जिलाधिकारी, पुलिस, क्राइम ब्रांच और स्पेशल सेल ने कई एफआईआर दर्ज की हैं। इन शिकायतों में यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि किन लोगों ने अवैध प्रवासियों को भारत में आने में मदद दी, उनके रहने का इंतजाम किया, नकली पहचान पत्र बनवाए, पते के प्रमाण हासिल किए, दिल्ली में नौकरियां दिलवाईं और उनके लिए आवास की व्यवस्था की। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस को कड़ा निर्देश दिया है कि वे अवैध प्रवासियों की पहचान और गिरफ्तारी में तेजी लाएं और उन्हें जल्द से जल्द वापस भेजें। एक सूत्र के मुताबिक, “दिल्ली पुलिस ने लगभग पांच अस्थाई हिरासत केंद्र बनाए हैं। इन्हें FRRO के साथ मिलकर काम करना है और अवैध प्रवासियों को विशेष उड़ानों से अगरतला हवाई अड्डा और पश्चिम बंगाल तक पहुंचाना है।”
केंद्रीय गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली पुलिस ने कुल 34,265 संदिग्ध अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों की जांच की। इनमें से 33,217 प्रवासियों के दस्तावेज़ सही पाए गए, जबकि 278 लोगों के दस्तावेज़ों की जांच अभी भी जारी है।