वैश्विक स्तर पर तेल की कीमतें फिलहाल स्थिर बनी हुई हैं।
Petrol-Diesel की कीमतों में एक बार फिर बड़ी कटौती होने के आसार हैं। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी की मानें तो अगर वैश्विक स्तर पर क्रूड ऑयल की कीमतें स्थिर रहती हैं तो सरकार देश में पेट्रोल और डीजल के रेट घटा सकती है।
उन्होंने बताया कि अभी सरकार एक्साइज ड्यूटी में कटौती वहन कर जनता को तेल कीमतों में राहत दे रही है। सरकार ने नवंबर 2021 और मई 2022 में करों में कमी की थी। उस दौरान पेट्रोल और डीजल पर क्रमश: 13 और 16 रुपये प्रति लीटर की कमी की गई थी।
तेल की कीमतों के लिए कई फैक्टर जिम्मेदार
पुरी ने सीआईआई के बिजनेस समिट में बताया कि यह राहत केंद्र और राज्य सरकारों के प्रयास से मिल पाई थी। हमने कर घटाया तो राज्यों ने वैट कम किया था। उन्होंने कहा कि तेल की कीमतें, वैश्विक स्तर पर क्रूड का रेट, बीमा की लागत और रिफाइनरी का मार्जिन आदि फैक्टर तेल की कॉस्ट के लिए जिम्मेदार होते हैं। अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतें स्थिर रहती हैं तो सरकार तेल के दाम और घटा सकती है।
40 देशों से होता है तेल का निर्यात
पुरी ने ब्राजील, गुयाना, सूरीनाम और कनाडा से कच्चे तेल की उपलब्धता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ओपेक देशों के क्रूड प्रोडक्शन में कट के बावजूद वैश्विक स्तर पर आपूर्ति बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि सरकार ने तेल खरीदने की रणनीति भी बदल दी है। अब हम 27 देशों के बजाय 40 से तेल का आयात करते हैं। हम अर्जेंटीना से भी कंसाइनमेंट मंगाते हैं।
रूस से तेल आयात के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का प्रयास है कि जनता को किफायती कीमतों पर तेल खरीदने को मिले। अगर किसी देश में तेल कमी कीमत पर उपलब्ध होता है तो हम उसे खरीदेंगे।