पीड़िता की पहचान 54 वर्षीय रजालक्ष्मी कर के रूप में हुई है। वह भुवनेश्वर की निवासी थीं। जब बच्ची मात्र तीन दिन की थी, तब रजालक्ष्मी ने उसे सड़क पर बेसहारा पाया और उसे गोद लिया। वह बच्ची की अच्छी पढ़ाई के लिए गजपति ज़िले में किराए पर रहने लगी थीं।
कैसे की गई हत्या?
गजपति के पुलिस अधीक्षक जतिंद्र कुमार पांडा ने बताया कि यह घटना 29 अप्रैल की शाम की है। किशोरी ने सबसे पहले अपनी मां को नींद की गोलियां दीं। फिर उसने अपने दो दोस्तों—21 वर्षीय गणेश राठ और 20 वर्षीय दिनेश साहू—के साथ मिलकर तकिए से मुंह दबाकर मां की हत्या कर दी। इसके बाद तीनों ने मिलकर रजालक्ष्मी को अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
परिजनों को दिया गया धोखा
किशोरी ने परिजनों को बताया कि मां की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है। चूंकि रजालक्ष्मी को पहले से हृदय संबंधी बीमारी थी, इसलिए सभी ने उस पर भरोसा कर लिया।
30 अप्रैल को उनका अंतिम संस्कार पुरी में कर दिया गया और किशोरी को भुवनेश्वर ले जाया गया।
साजिश का खुलासा
कुछ दिनों बाद, रजालक्ष्मी के भाई सिबा प्रसाद मिश्रा ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। उन्हें किशोरी का मोबाइल फोन और सोशल मीडिया चैट्स देखने के बाद शक हुआ। इंस्टाग्राम पर हुई बातचीत में हत्या की पूरी साजिश दर्ज थी। इस चैट में तीनों के बीच न केवल हत्या की योजना, बल्कि घर में रखे सोने के आभूषण और नकदी लूटने की योजना भी बनाई गई थी। इसके आधार पर पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया और किशोरी सहित दोनों युवकों को गिरफ्तार कर लिया।
हत्या की वजह क्या थी?
पुलिस के मुताबिक, हत्या के बाद दोनों युवकों ने रजालक्ष्मी के घर से 70 ग्राम सोना और 60,000 रुपये नकद भी चुरा लिए। पुलिस का कहना है कि किशोरी अपनी मां से नाराज़ थी क्योंकि मां को उसके दोनों दोस्तों से दोस्ती पसंद नहीं थी। पांडा ने बताया, “इन्हीं युवकों ने किशोरी को इस जघन्य अपराध के लिए उकसाया।” फिलहाल दोनों युवक पुलिस हिरासत में हैं, जबकि नाबालिग लड़की को सुधारगृह भेज दिया गया है।