नितिन गडकरी ने शेयर किया वीडियो
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो शेयर किया है। यह वीडियो 2 मिनट 40 सेकंड का है। इस वीडियो में अपने फार्म को दिखाया गया है। इसके साथ ही वीडियो में 800 ग्राम से 1 किलो तक के प्याज भी नजर आ रहे है। वीडियो में बताया गया है कि 2.5 किलो बीज को एक एकड़ खेत में लगाया। पहले 45 दिन तक नर्सरी तैयार की गई।
डबल ड्रिप इरिगेशन सिस्टम का किया इस्तेमाल
वीडियो में बताया गया है कि पौधों की वेल-बेडस पर ट्रांसप्लाटिंग की गई और डबल ड्रिप इरिगेशन सिस्टम का इस्तेमाल किया गया। साथ ही बायो-ऑर्गेनिक फर्टीलाइजर भी डाला गया, जिससे पौधे स्वस्थ और मजबूत हो।
मल्चिंग पेपर तकनीक क्या है?
मल्चिंग पेपर तकनीक में मिट्टी को प्लास्टिक या जैविक सामग्री (जैसे पॉलिथीन शीट) से ढक दिया जाता है, जिससे मिट्टी में नमी बनी रहती है, जिससे सिंचाई की आवश्यकता कम होती है। इसके अलावा खरपतवार की वृद्धि रुकती है, जिससे पौधों को अधिक पोषक तत्व मिलते हैं। वहीं मल्चिंग मिट्टी को ठंडा या गर्म रखने में मदद करता है, जो प्याज जैसे बल्ब फसलों के लिए लाभकारी है। मल्चिंग से मिट्टी जनित रोगों और कीटों का खतरा कम होता है। किसानों के लिए लाभकारी हो सकती है तकनीक
बता दें कि कंचन गडकरी का यह प्रयोग जैविक खेती और नवीन तकनीकों को बढ़ावा देने की दिशा में एक मिसाल है। नितिन गडकरी ने खुद इस उपलब्धि को साझा करते हुए कहा कि यह तकनीक किसानों के लिए लाभकारी हो सकती है। किसान इस तकनीक को अपनाने के लिए नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) या उद्यान विभाग से संपर्क कर सकते हैं, जो मल्चिंग पेपर और जैविक खेती के लिए प्रशिक्षण और सब्सिडी प्रदान करते हैं।