Bihar Election: सीमांचल की राजनीति में फिर गेमचेंजर होंगे ओवैसी! पिछली बार 5 सीटों पर मिली थी जीत
AIMIM on bihar election: बिहार के सीमांचल इलाके में पूर्णिया, कटिहार, अररिया और किशनगंज जिले आते हैं। जिनमें कुल 24 विधानसभा सीट है। 12 से अधिक सीटों पर मुस्लिम आबादी की संख्या 50 फीसदी से ज्यादा है।
महागठबंधन में शामिल हो सकती है AIMIM (Photo- IANS)
Bihar Election: बिहार की सियासत में असदुद्दीन ओवैसी (asaduddin owaisi) की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) एक बार फिर गेंमचेंजर साबित हो सकती है। साल 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) में AIMIM ने सीमांचल (Seemanchal) की 5 सीटों पर कब्जा जमाया था। साथ ही, कई सीटों पर महागठबंधन को नुकसान पहुंचाया था। पार्टी एक बार फिर पूरे दमखम के साथ बिहार विधानसभा चुनाव 2025 (Bihar Assembly Election 2025) में उतरने जा रही है।
सियासी गलियारों में चर्चा है कि ओवैसी की पार्टी लालू (Lalu) और कांग्रेस (Congress) के साथ गठबंधन करना चाहती है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्णिया जिले के अमौर विधानसभा सीट से विधायक अखतरुल ईमान (Akhtarul Iman) ने कहा कि सांप्रदायिक ताकतों को सत्ता से दूर करने के लिए बड़े अलायंस की जरूरत है। हालांकि, इस पर फैसला राजद (RJD) और कांग्रेस को लेना है।
सीमांचल में मुस्लिम वोटबैंक का दबदबा
बिहार के सीमांचल इलाके में पूर्णिया, कटिहार, अररिया और किशनगंज जिले आते हैं। जिनमें कुल 24 विधानसभा सीट है। 12 से अधिक सीटों पर मुस्लिम आबादी की संख्या 50 फीसदी से ज्यादा है, जबकि अन्य 12 सीटों पर वह निर्णायक भूमिका अदा करती है। पिछली बार ओवैसी की पार्टी ने सीमांचल की 20 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए थे और 5 उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की, लेकिन कुछ समय बाद पार्टी के 4 विधायक, मो. इजहार असफी (कोचाधामन), शाहनवाज आलम (जोकीहाट), सयैद रुकनुद्दीन (बायसी) और अजहर नईम (बहादुरगंज) टूटकर राजद में जा मिले। यह AIMIM के लिए बड़ा झटका था।
2020 में AIMIM ने जीती थी 5 सीट
वहीं, दो महीने पहले सीमांचल के दौरे पर आए असदुद्दीन औवेसी ने इस बार 50 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कही है। ऐसे में अगर ओवैसी इंडिया गठबंधन के साथ चले जाते हैं तो वह कम सीटों पर भी राजी हो सकते हैं। इससे सीमांचल, मिथिलांचल सहित कई हलकों में राजद-कांग्रेस गठबंधन का पलड़ा भारी हो सकता है। साल 2020 की रिजल्ट से भी यह साफ जाहिर होता है। सीमांचल इलाके में कांग्रेस राजद गठबंधन को 10, NDA को 9 और AIMIM के खाते में 5 सीटें आईं।
बिहार विधानसभा चुनाव दो से तीन चरणों में हो सकते हैं। चुनाव की तारीखें दिवाली और छठ पर्व को ध्यान में रखकर तय की जाएंगी। बिहार विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को खत्म हो रहा है, इसलिए चुनाव प्रक्रिया उससे पहले पूरी हो जानी चाहिए। चुनाव आयोग बिहार चुनाव की तैयारियों में जोर-शोर से जुटा है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार इसी महीने बिहार आएंगे और तैयारियों का जायजा लेंगे।
Hindi News / National News / Bihar Election: सीमांचल की राजनीति में फिर गेमचेंजर होंगे ओवैसी! पिछली बार 5 सीटों पर मिली थी जीत