26/11 मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा ने अधिकारियों को बताया कि मुंबई में अपनी फर्म का इमिग्रेशन सेंटर खोलने का विचार उसका अपना था और इसमें वित्तीय लेन-देन भी व्यावसायिक खर्च के रूप में किया गया था।
तहव्वुर राणा ने कहा कि उसने छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) जैसी जगहों का निरीक्षण किया और उसे लगा कि हमले पाकिस्तानी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के सहयोग से किए गए थे। बता दें कि 4 अप्रेल को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट द्वारा उनकी समीक्षा याचिका खारिज किये जाने के बाद उन्हें भारत प्रत्यर्पित कर दिया गया। राणा को मई में भारत आने पर एनआईए ने न्यायिक हिरासत में ले लिया था और उससे साजिश, हत्या, आतंकवाद और जालसाजी जैसे आरोपों पर पूछताछ की जा रही है।
बता दें कि दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने तहव्वुर राणा की न्यायिक हिरासत बढ़ा दी है। राणा की अगली कोर्ट पेशी 9 जुलाई को होनी है। इसका अर्थ है कि तहव्वुर राणा को अब 9 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में रहना होगा।
दरअसल, शुक्रवार को सुरक्षा कारणों से उसे वर्चुअल मोड के जरिए कोर्ट में पेश किया गया। राणा के वकील ने उसके स्वास्थ्य को लेकर चिंता जताई। दलीलों पर गौर करते हुए कोर्ट ने तिहाड़ के अधिकारियों को 9 जून तक मामले पर स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।
सुनवाई के दौरान राणा ने अपने परिवार से बातचीत करने की इच्छा जताई है। खबरों के अनुसार, मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा ने परिवार से बातचीत के लिए कोर्ट में याचिका भी दायर की थी। राणा की इस अर्जी पर कोर्ट 9 जून को सुनवाई करेगा।