कांग्रेस शासन में सुलगता रहा मणिपुर पर कांग्रेस ने नहीं ली सुध
निर्मला सीतारमण ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जिस समय केंद्र और मणिपुर दोनों स्थानों पर कांग्रेस की सरकार थी तब मणिपुर में सैकड़ों लोग हिंसा में मारे गए थे। तब केंद्र सरकार का कोई मंत्री मणिपुर की सुध लेने वहां नहीं गया। उन्होंने कहा कि 2002 से लेकर 2017 तक मणिपुर में कांग्रेस की सरकार थी। केंद्र में भी 2014 से पहले तक कांग्रेस सरकार थी। तब वहां मणिपुर में 628 बंद हुए थे। इससे राज्य के खजाने को 2828 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ। हिंसा के कारण कई लोगों ने अपनी जान गंवाई थी।हिंसक घटनाओं में आई कमी
निर्मला सीतारमण ने कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और राज्य पुलिस की 286 कंपनियों के साथ सेना और असम राइफल्स को तैनात किया गया है। उन्होंने कहा कि कुछ दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं को छोड़कर, हिंसा की घटनाएं कम हो रही हैं। सरकार लगातार प्रयास कर रही है, जिसका असर देखने को मिल रहा है। आने वाले दिनों में बहुत कुछ बदलने वाला है।अपने घरों को लौट चुके हैं 7,000 लोग
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुरक्षित और सुचारू यातायात सुनिश्चित किया जा रहा है और आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। नियमित हेलीकॉप्टर सेवाएं भी चालू हैं। राहत प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए सीतारमण ने कहा कि लगभग 60,000 लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं, जबकि लगभग 7,000 लोग अपने घरों को लौट चुके हैं। यह भी पढ़ें