इंजीनियरिंग का चमत्कार
1.3 किलोमीटर लंबा यह रेलवे पुल चिनाब नदी के तल से 359 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जो पेरिस के एफिल टावर से 35 मीटर और दिल्ली के कुतुब मीनार से लगभग पांच गुना ऊंचा है। इसकी निर्माण लागत करीब 1,486 करोड़ रुपये बताई जा रही है। यह पुल 266 किमी/घंटे की तेज हवाओं और रिक्टर स्केल पर 8 तीव्रता के भूकंपों को झेलने में सक्षम है। ब्लास्ट-प्रूफ डिजाइन और 30,000 टन स्टील से बना यह पुल 125 साल तक टिकाऊ रहेगा।
कश्मीर को देश से जोड़ेगा
चिनाब ब्रिज कश्मीर घाटी को देश के बाकी हिस्सों से हर मौसम में जोड़ेगा, जो पहले सर्दियों में बर्फबारी और भूस्खलन के कारण चुनौतीपूर्ण था। इस पुल के जरिए कटरा से श्रीनगर की यात्रा वंदे भारत ट्रेन से मात्र 3 घंटे में पूरी होगी, जिससे यात्रा समय में 2-3 घंटे की कमी आएगी। यह कनेक्टिविटी पर्यटन, व्यापार और आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी।
PM मोदी ने किया उद्घटान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 6 जून शुक्रवार को चिनाब नदी पर दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे आर्च ब्रिज का उद्घाटन किया। इस दौरान जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और रेलवे मंत्री अश्विणी वैष्णव भी मौजूद रहे।
सुरक्षा और रणनीतिक महत्व
चिनाब ब्रिज न केवल इंजीनियरिंग का नमूना है, बल्कि रणनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। यह कश्मीर को देश से जोड़ने में एक मजबूत कड़ी बनेगा। हाल के आतंकी हमलों के बाद, इस क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। रेलवे लाइन और पुल के आसपास ड्रोन, सीसीटीवी और सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है।