बिल पर सहमति चाहती है सरकार
एक राष्ट्र-एक चुनाव बिल पर केंद्र सरकार विपक्ष के साथ सहमति बनाना चाहती है। यही कारण है कि
बिल को चर्चा के लिए जेपीसी के पास भेजा गया है। लोकसभा में इस बिल के पक्ष में 269 सांसदों ने वोट दिया जबकि विरोध में 198 मत पड़े। बता दें कि संविधान संशोधन बिल के लिए संसद में दो तिहाई बहुमत की आवश्यकता होती है। अभी लोकसभा में 543 सांसद हैं। ऐसे में वन नेशन-वन इलेक्शन बिल को पास कराने के लिए 362 सांसदों की आवश्यकता है लेकिन एनडीए के पास महज 292 सीटें है। वहीं राज्यसभा में भी दो तिहाई बहुमत के लिए 164 सांसदों की जरूरत होगी। एनडीए के पास यहां भी 112 सांसद हैं।
मंगलवार को लोकसभा में हुआ था पेश
वन नेशन-वन इलेक्शन विधेयक को मंगलवार को लोकसभा में पेश किया गया था। विपक्षी पार्टियों ने इस विधेयक को पेश किए जाने का विरोध किया। विपक्ष ने इस विधेयक को संविधान विरोधी करार दिया। लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने तर्क दिया कि इन दोनों विधेयकों से चुनाव आयोग को संविधान से इतर शक्तियां मिल जाएंगी। विपक्षी दलों में कांग्रेस, डीएमके, तृणमूल कांग्रेस, सपा, एनसीपी-एसपी, शिवसेना (यूबीटी) और AIMIM ने इस विधेयक को पेश किए जाने पर आपत्ति जताई।