जिहादी साहित्य में गहरी रुचि लेने लगा था
जानकारी के अनुसार कबीर भारत-बांग्लादेश सीमा पार करने की योजना बना रहा था। जांच में सामने आया है कि वह बांग्लादेश भागने की फिराक में था और उसने हमले के लिए चाकू भी ऑनलाइन खरीदा था। उसकी मानसिक स्थिति तलाक और बेरोजगारी से प्रभावित थी।
पुलिस हुमायूं कबीर के सभी डिजिटल उपकरणों की फॉरेंसिक जांच कर रही
बंगाल पुलिस अब हुमायूं कबीर के सभी डिजिटल उपकरणों की फॉरेंसिक जांच कर रही है। इसके साथ ही एनआईए और केंद्रीय एजेंसियां भी उसके अंतरराष्ट्रीय संपर्कों और संभावित मॉड्यूल से जुड़ाव की जांच में लग गई हैं। इस केस ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। माना जा रहा है कि सीमावर्ती इलाके से कट्टरपंथी संगठनों को शरण या ट्रांजिट सपोर्ट मिल सकता है, जिससे सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा मिलता है।
कैसे ऑनलाइन कट्टरपंथी साहित्य मानसिक स्थिति प्रभावित कर सकता है
हुमायूं कबीर की यह घटना समाज में कट्टरपंथी विचारों के प्रभाव और बेरोजगारी तथा तलाक जैसी सामाजिक समस्याओं के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव को उजागर करती है। यह घटना यह भी दर्शाती है कि कैसे ऑनलाइन कट्टरपंथी साहित्य व्यक्ति की मानसिक स्थिति को प्रभावित कर सकता है।