रोमांस स्कैम क्या है?
अपराधी नकली ऑनलाइन पहचान बनाकर पीड़ितों का विश्वास जीतते हैं और फिर उन्हें वित्तीय नुकसान पहुंचाते हैं। विशेष रूप से वृद्ध लोग या हाल ही में तलाकशुदा/प्रियजन खो चुके लोग अधिक संवेदनशील होते हैं। सोशल मीडिया और डेटिंग ऐप स्कैमर्स के लिए मुख्य माध्यम बन चुके हैं। मूडीज के आंकड़ों ने 2024 में रोमांस स्कैम से संभावित रूप से जुड़े वैश्विक स्तर पर 1,193 नई संस्थाओं और लोगों की पहचान की। यह छह साल का उच्चतम स्तर है और 2023 से 14 प्रतिशत की वृद्धि है।ये लोग हो रहे स्कैमर्स का शिकार
विशेषज्ञों के अनुसार, स्कैमर्स भावनात्मक रूप से कमजोर लोगों को निशाना बनाते हैं, खासकर वृद्ध, हाल ही में तलाकशुदा, या किसी प्रियजन को खो चुके लोग। साथ ही, तकनीकी रूप से कम जानकार लोग भी बड़ी संख्या में ठगी का शिकार हो रहे हैं। स्कैमर्स आमतौर पर सोशल मीडिया और डेटिंग ऐप्स के जरिए भरोसा जीतते हैं और फिर पैसे ऐंठने के लिए विभिन्न बहाने बनाते हैं।कैसे काम करता है रोमांस स्कैम?
स्कैमर आमतौर पर फर्जी प्रोफाइल बनाकर किसी को ऑनलाइन प्रभावित करते हैं। धीरे-धीरे वे इमोशनल बॉन्डिंग बनाते हैं और पीड़ित को विश्वास में लेते हैं। फिर किसी न किसी बहाने से (जैसे मेडिकल इमरजेंसी, बिजनेस प्रॉब्लम, ट्रैवल एक्सपेंस) पैसों की मांग करते हैं। पीड़ित जब तक सच्चाई समझता है, तब तक स्कैमर गायब हो जाता है।Digital Arrest Case: इस बार पूरी फैमिली को 5 दिन तक रखा डिजिटल अरेस्ट, 1.10 करोड़ ठगे
बैंकों और वित्तीय संस्थानों की भूमिका:
बैंकों को मजबूत एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग (AML) और फ्रॉड डिटेक्शन सिस्टम विकसित करने की जरूरत है। AI और मशीन लर्निंग के उपयोग से संदिग्ध लेन-देन की पहचान की जा सकती है। KYC प्रक्रियाओं को मजबूत करके फर्जी कंपनियों और खातों की पहचान की जा सकती है।स्कैम के वैश्विक आंकड़े:
2023 में रोमांस और ट्रस्ट-बेस्ड स्कैम के कारण 56,54,58,79,337 रुपए का नुकसान हुआ। 2024 में मूडीज डेटाबेस में 1,193 नए रोमांस स्कैम प्रोफाइल जुड़े, जो 2023 से 14 प्रतिशत अधिक है। अमेरिका (38 प्रतिशत) और नाइजीरिया (14 प्रतिशत) स्कैम हब के रूप में उभर रहे हैं।स्कैमर्स की रणनीति:
शेल कंपनियों का उपयोग करके लेन-देन को छिपाया जाता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फर्जी बैंक खातों और डिजिटल वॉलेट्स का इस्तेमाल किया जाता है।बचाव के तरीके:
—ऑनलाइन रिश्तों में सावधानी बरतें, खासकर जब कोई पैसे मांगता है।—बैंकों को AI, मशीन लर्निंग और निगरानी टूल्स का उपयोग करके जोखिमों की पहचान करनी चाहिए।
—सोशल मीडिया और डेटिंग ऐप्स पर निजी जानकारी साझा करने से बचें।
—यदि संदेह हो तो साइबर क्राइम सेल या बैंकिंग संस्थानों को रिपोर्ट करें।