Rupee Symbol Row: DMK नेता के बेटे ने ही दिया था रुपये का सिंबल, क्यों अचानक तमिलनाडु CM स्टालिन ने इसे बजट से हटाया?
Rupee Symbol Row: आपको बता दे कि भारतीय मुद्रा पर अंकित रुपए के सिंबल को तमिलनाडु के ही शख्स ने तैयार किया था। सिंबल डिजाइन करने वाले के पिता भी DMK के विधायक रह चुके है।
Rupee Symbol Row: डीएमके (द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम) अगुआई वाली तमिलनाडु सरकार ने भाषा विवाद को और भड़का दिया है। 14 मार्च को पेश किए जाने से पहले तमिलनाडु सरकार ने अपने 2025-26 के राज्य बजट के आधिकारिक लोगो में भारतीय रुपये के प्रतीक (₹) को हटा दिया है। रुपए के सिंबल की जगह तमिल अक्षर ‘रु’ (ரூ) लिखा गया है। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के नेतृत्व में लिया गया यह निर्णय भाषा नीतियों पर चल रही बहस और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के प्रति राज्य के विरोध के बीच आया है। आइये जानते है भारतीय रुपये के प्रतीक (₹) किसने दिया और अचानक तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन ने बजट से क्यों हटाया।
आपको बता दे कि भारतीय मुद्रा पर अंकित रुपए के सिंबल को तमिलनाडु के ही शख्स ने तैयार किया था। खास बात यह है कि सिंबल डिजाइन करने वाले के पिता भी मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की पार्टी DMK के विधायक रह चुके है। अब सीएम स्टालिन द्वारा बजट से पहले रुपए के सिंबल को अचानक बदल देने से सियासी बवाल खड़ा हो गया है।
The DMK Government's State Budget for 2025-26 replaces the Rupee Symbol designed by a Tamilian, which was adopted by the whole of Bharat and incorporated into our Currency.
Thiru Udhay Kumar, who designed the symbol, is the son of a former DMK MLA.
भारतीय मुद्रा पर अंकित रुपए के सिंबल को IIT बॉम्बे के छात्र रहे डी उदय कुमार धर्मलिंगम (Udayakumar Dharmalingam) ने बनाया था। उदय कुमार का 10 अक्टूबर 1978 को तमिलनाडु के कल्लाकुरिची में हुआ था। वे आईआईटी गुवाहाटी में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं। उनके पिता डी धर्मलिंगम भी DMK पार्टी में पूर्व विधायक थे।
बता दे कि उदयकुमार ने रुपए के प्रतीक ₹ का डिजाइन देवनागरी के ‘र’ और रोमन अक्षर ‘R’ को मिलाकर तैयार किया था। यह भारतीय तिरंगे से प्रेरित है। इसको 15 जुलाई 2010 को भारत सरकार द्वारा जनता के सामने पेश किया था। इसको एक खुली प्रतियोगिता के माध्यम से चुना गया। वित्त मंत्रालय द्वारा आयोजित की गई प्रतियोगिता के लिए 3,331 आवेदन आए थे। उदयकुमार का डिजाइन पांच फाइनलिस्ट डिज़ाइनों में से विजेता रहा थे।
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