पीएम मोदी ने जताया शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने एक्स पर लिखा, एसएम कृष्णा एक असाधारण नेता थे, जिनकी प्रशंसा हर वर्ग के लोग करते थे। उन्होंने हमेशा दूसरों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए अथक प्रयास किया। उन्हें कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के लिए याद किया जाता है, खासकर बुनियादी ढांचे के विकास पर उनके ध्यान के लिए। एस.एम. कृष्णा एक विपुल पाठक और विचारक भी थे।
पांच दशकों का शानदार राजनीतिक करियर
एसएम कृष्णा का पांच दशकों से अधिक का शानदार राजनीतिक करियर रहा। वे अपनी बौद्धिक क्षमता और प्रशासनिक कौशल के लिए जाने जाते थे। उनका जन्म 1 मई, 1932 को कर्नाटक के मद्दुर में हुआ था। उन्होंने मैसूर के महाराजा कॉलेज और बेंगलुरु के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद टेक्सास के सदर्न मेथोडिस्ट विश्वविद्यालय और वाशिंगटन डीसी के जॉर्ज वाशिंगटन विश्वविद्यालय से उन्नत डिग्री ली। कृष्णा अपने समय के सबसे अकादमिक रूप से निपुण नेताओं में से एक थे।
बेंगलुरु को वैश्विक आईटी हब में बदलने में अहम भूमिका
महाराष्ट्र के राज्यपाल रहे एसएम कृष्णा 1999 से 2004 तक कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे थे। इस दौरान उन्होंने बेंगलुरु को वैश्विक आईटी हब में बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी। यूपीए सरकार में 2009 से 2012 तक विदेश मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल ने एक प्रतिष्ठित राजनेता के रूप में उनकी प्रतिष्ठा को और मजबूत किया। इसके अलावा 1989 से 1993 तक कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष पद को संभाले। वे 2004 से 2008 तक महाराष्ट्र के राज्यपाल रहें।