SC ने गुजरात सरकार से कही ये बात
जस्टिस ओका ने कहा यह कविता अप्रत्यक्ष रूप से कहती है कि भले ही कोई हिंसा में लिप्त हो, लेकिन हम हिंसा में लिप्त नहीं होंगे। कविता यही संदेश देती है। यह किसी विशेष समुदाय के खिलाफ नहीं है। SC ने गुजरात सरकार से यह भी कहा कि इस मामले में अपना विवेक लगाएं क्योंकि क्रिएटिविटी भी जरूरी है।
HC ने कविता के वास्तिक अर्थ को नहीं समझा
जस्टिस ओका और उज्जल भुयान की पीठ ने कहा कि हाईकोर्ट ने कविता के वास्तविक अर्थ को नहीं समझा। जस्टिस ओका ने गुजरात सरकार की वकील से कहा कि कृपया कविता पर अपना दिमाग लगाएं। आखिरकार क्रिएटिविटी भी महत्वपूर्ण है।
परेशान करने के लिए दर्ज की गई थी FIR
इमरान प्रतापगढ़ी ने तर्क दिया था कि कविता में “प्रेम और अहिंसा का संदेश” है। उन्होंने कहा था कि एफआईआर का इस्तेमाल उन्हें परेशान करने के लिए किया गया और इसे “दुर्भावनापूर्ण इरादे” से दर्ज किया गया था। क्या है पूरा मामला
बता दें कि कांग्रेस सांसद
इमरान प्रतापगढ़ी पर सोशल मीडिया पर ‘ऐ खून के प्यासों बात सुनो’ कविता शेयर करने पर जामनगर में शिकायतकर्ता ने एफआईआर दर्ज करवाई थी। एफआईआर में कांग्रेस सांसद प्रतापगढ़ी पर धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप लगाया। इसके बाद इमरान प्रतापगढ़ी ने गुजरात हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली। इसके बाद कांग्रेस सांसद ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
कई धाराओं के तहत प्रतापगढ़ी पर लगाए थे आरोप
बता दें कि एफआईआर में इमरान प्रतापगढ़ी पर कई धाराओं के तहत आरोप लगाए थे, जिसमें शत्रुता को बढ़ावा देना और राष्ट्रीय एकता को नुकसान पहुंचाने वाले दावे भी शामिल थे। यह शिकायत कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी द्वारा पोस्ट की गई वीडियो क्लिप पर आधारित थी। राज्यसभा में इमरान प्रतापगढ़ी का दिखा अलग अंदाज, देखें वीडियो…