‘सुप्रीम कोर्ट ऐसा नहीं करेगा’, वक्फ कानून पर सुनवाई से पहले केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने ऐसा क्यों कहा
Kiren Rijiju: केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ कानून पर सुनवाई से पहले कहा मुझे भरोसा है कि सुप्रीम कोर्ट विधायी मामले में दखल नहीं देगा। उन्होंने यह भी कहा कि विधायिका और न्यायपालिका को एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए।
Waqf Act: वक्फ कानून के खिलाफ देश में कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। विरोध प्रदर्शन के दौरान कई जगहों पर हिंसा भी हुई है। वहीं कांग्रेस समेत कई राजनीतिक दलों ने वक्फ कानून को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रूख किया है। वहीं अब वक्फ कानून पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि मुझे भरोसा है कि सुप्रीम कोर्ट विधायी मामले में दखल नहीं देगा। उन्होंने यह भी कहा कि विधायिका और न्यायपालिका को एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में बुधवार को सुनवाई करेगा।
वक्फ संशोधन विधेयक पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मैंने किसी अन्य विधेयक की इतनी गहन जांच होते नहीं देखी है। जिसमें एक करोड़ प्रतिनिधित्व शामिल हो। जिस पर जेपीसी की अधिकतम बैठक हो और विधेयक पर चर्चा के दौरान राज्यसभा में एक रिकॉर्ड बना हो।
बंगाल पर क्या बोले केंद्रीय मंत्री
वहीं इस दौरान केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने पश्चिम बंगाल सीएम ममता बनर्जी द्वारा वक्फ कानून को लेकर दिए बयान पर भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि सीएम ममता बनर्जी ने यह घोषणा कि वक्फ कानून को बंगाल में लागू नहीं किया जाएगा। उनके इस बयान से संदेह पैदा होता है कि क्या उनके पास इस पद पर रहने का कोई नैतिक अधिकार या संवैधानिक अधिकार है।
‘विधायिका के अधिकार क्षेत्र में नहीं देगा दखल’
हालांकि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया था कि वह विधायिका के अधिकार क्षेत्र में दखल नहीं देगा। लेकिन संविधान से जुड़े मुद्दों पर अंतिम मध्यस्थ के रूप में अधिनियम का विरोध करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करने के लिए सहमत हो गया।
केंद्र ने कैविएट आवेदन किया दायर
इसके अलावा केंद्र ने शीर्ष अदालत में एक कैविएट आवेदन भी दायर किया है और आग्रह किया है कि अधिनियम की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करने से पहले वह दायर याचिकाओं पर सरकार का पक्ष भी सुने।
वक्फ कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में असदुद्दीन ओवैसी, कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी और मोहम्मद जावेद, आप विधायक अमानतुल्ला खान, संभल के सांसद जिया उर रहमान बर्क, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने याचिका दायर की है। इन्होंने याचिका में दावा किया कि यह अधिनियम मुस्लिम समुदाय के प्रति भेदभावपूर्ण है और समानता के अधिकार और धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार सहित उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है।
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