नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की ताजा रिपोर्ट ने पेश किया ब्योरा
रिपोर्ट के मुताबिक 31 दिसंबर, 2024 तक देशभर की निचली अदालतों ने 139 लोगों को मौत की सजा सुनाई। इनमें से 87 (62 प्रतिशत) हत्या के मामलों में और 35 (25 प्रतिशत) यौन अपराधों से जुड़ी हत्याओं के मामलों में सुनाई गईं। इससे पहले 2023 में यौन अपराधों से जुड़ी हत्याओं के मामलों में 59 और अन्य हत्याओं के मामलों मे 40 को मौत की सजा सुनाई गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने 2024 में छह अपीलों पर सुनवाई की। पांच कैदियों की मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया, जबकि एक को बरी कर दिया। 2019 से लगातार वृद्धि
National Law University Latest Report में बताया गया कि 2019 से मौत की सजा पाने वाले दोषियों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है। यह संख्या 2019 में 378 थी, जो 2020 में बढ़कर 404 हो गई। इसके बाद 2021 में 490, 2022 में 539, 2023 में 554 और 2024 के आखिर तक 564 हो गई।
यूपी में सबसे ज्यादा
उत्तर प्रदेश में 2024 में सबसे ज्यादा 34 लोगों को मौत की सजा सुनाई गई। केरल में 20 और पश्चिम बंगाल में 18 लोगों को मौत की सजा सुनाई गई। दिल्ली, त्रिपुरा, असम और जम्मू-कश्मीर में किसी को मौत की सजा नहीं मिली। मौत की सजा वाली महिला कैदियों की संख्या 2024 में 17 थी।