कोर्ट के लॉकअप में कैसे हुई अमन की हत्या
अमन तिहाड़ जेल की बैरक नंबर 8 में बंद था। उसपर साल 2017 में एक व्यक्ति की हत्या का आरोप था और उसी मामले में सुनवाई के लिए उसे साकेत कोर्ट लाया गया था। सुबह लगभग 9:30 बजे, जब अमन खजरा नंबर 5 में अन्य कैदियों के साथ बैठा था, तभी उसकी कैदी जितेन्दर से बहस शुरू हो गई। अधिकारियों के मुताबिक, दोनों के बीच कोर्ट के बाहर से ही पुराना तनाव था। कुछ ही देर में यह विवाद हाथापाई में बदल गया। जितेन्दर ने अमन को जोरदार लात मारी, जिससे अमन का सिर पहले दीवार से टकराया और फिर कमोड से जा लगा। इसके बाद जितेन्दर और उसका साथी जयदेव मिलकर अमन पर हमला किया। दोनों ने अमन के सीने पर पैर रखकर उसका गला दबाने की कोशिश की।
मौके पर पुलिस की कार्रवाई और अस्पताल में मौत
कोर्ट के बाहर तैनात एक पुलिस कॉन्स्टेबल तुरंत लॉकअप में पहुंचा और अमन को बचाने की कोशिश की। उसे तुरंत सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया, लेकिन गंभीर सिर की चोटों और रक्तस्राव के कारण सुबह 11 बजे डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पुरानी रंजिश की सच्चाई
दक्षिण जिले के डीसीपी अंकित चौहान ने बताया कि जितेन्दर और अमन के बीच यह पुरानी दुश्मनी 2024 में जेल के बाहर हुए एक हमले से जुड़ी है। उस घटना में अमन ने कथित तौर पर जितेन्दर और उसके भाई पर चाकू से हमला किया था। हत्या के आरोपी जितेन्दर और जयदेव को साकेत कोर्ट के लॉकअप में पूछताछ के लिए रखा गया है। मामले की जांच तेज़ी से जारी है और पुलिस अधिकारी CCTV फुटेज के सहारे पूरी घटना का पर्दाफाश कर रहे हैं।
कोर्ट परिसर के लॉकअप की सुरक्षा व्यवस्था
साकेत कोर्ट के दो मंजिला लॉकअप ब्लॉक में कई खजरें (सेल) हैं, जहां अंडरट्रायल कैदियों को रखा जाता है। VIP और हाई सिक्योरिटी कैदियों के लिए अलग-अलग सेल होते हैं। घटना के समय खजरा नंबर 5, जिसमें अमन और दोनों आरोपी थे, कुल 37 कैदियों से भरा हुआ था। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आमतौर पर दुश्मनी वाले कैदियों को अलग-अलग सेल में रखा जाता है, लेकिन अमन और जितेन्दर के बीच तनाव के बारे में कोई जानकारी नहीं थी, इसलिए उन्हें एक ही सेल में रखा गया।