सोमवार को भी हुई थी मीटिंग
इससे पहले बीते सोमवार को देशभर में वक्फ बोर्डों के प्रशासन के तरीके में सुधार लाने के लिए लाए गए वक्फ संशोधन विधेयक को जेपीसी ने 16:10 सदस्यों (एनडीए के 16 और विपक्षी दलों के 10) के अंतर से मंजूरी दी। रिपोर्ट के मुताबिक, वक्फ विधेयक में कुल 66 संशोधन प्रस्तावित किए गए थे, जिनमें सत्तारूढ़ भाजपा सांसदों द्वारा 23 और विपक्षी सदस्यों द्वारा 44 संशोधन शामिल थे।
14 संशोधनों को मिली मंजूरी
जेपीसी के अध्यक्ष और भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने सोमवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि यह संसदीय पैनल की अंतिम बैठक थी और बहुमत के आधार पर कुल 14 संशोधनों को मंजूरी दी गई। उन्होंने संवाददाताओं से कहा था, “पिछले छह महीनों के विचार-विमर्श में, हमने कई संशोधनों पर चर्चा की। सभी संशोधन पर मतदान हुआ और सदस्यों ने अपना फैसला सुनाया, जिसमें 16 ने इसके पक्ष में मतदान किया जबकि 14 ने संशोधनों का विरोध किया।” विपक्ष ने लगाया था पक्षपात का आरोप
विपक्ष ने समिति के अध्यक्ष पर पक्षपात और सत्तारूढ़ पार्टी के प्रति झुकाव का आरोप लगाया था। विपक्ष ने यह भी दावा किया कि राष्ट्रीय राजधानी में विधानसभा चुनाव से पहले वक्फ के प्रक्रिया में जल्दबाजी की जा रही है। सोमवार को जेपीसी में शामिल 11 विपक्षी सांसदों ने अध्यक्ष जगदंबिका पाल के ‘निरंकुश’ व्यवहार और एनडीए सदस्यों द्वारा प्रस्तावित 14 संशोधनों को स्वीकार करने में उनकी जल्दबाजी पर निशाना साधा था।