तपाए बिना बीत गया नौतपा
इस बार मौसम की पहेली ने लोगों को हैरान कर रखा है। 25 मई से दो जून तक नौतपा बिना तपाए ही बीत गया तो समय से पहले आया मानसून ठिठक गया। हालांकि मौसम विभाग ने पूरे मौसम में सामान्य से 105 फीसदी अधिक वर्षा का अनुमान जताया गया है, जिससे खरीफ फसलों की बुआई को समय रहते गति मिल सकती है।मानसून की रुकावट से किसान परेशान
देश के लगभग 50 फीसदी कृषिभूमि अब भी वर्षा पर निर्भर है। ऐसे में मानसून की शुरुआत ने किसानों में उत्साह जगाया था, लेकिन रुकावट ने निराशा भी बढ़ाई है। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात और तेलंगाना जैसे राज्यों में सोयाबीन, कपास, मक्का, धान और गन्ने की बुआई प्रभावित हो रही है। किसान अब बुआई रोककर वर्षा का इंतजार कर रहे हैं ताकि पर्याप्त मिट्टी की नमी मिल सके। देश की लगभग चार ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की जीवनरेखा मानसून, भारत को खेतों की सिंचाई और जलाशयों को भरने के लिए आवश्यक लगभग 70 फीसदी वर्षा प्रदान करता है।IRCTC की वेबसाइट हर बार फेल! तत्काल टिकट बुकिंग में 73% को एक मिनट में ही वेटिंग, सिस्टम पर सवाल
छत्तीसगढ़ः 30 साल में सबसे ठंडा गुजरा नौतपा
-छत्तीसगढ़ में पिछले 30 साल में नौतपा सबसे ठंडा गुजरा है। नौतपा में औसतन अधिकतम तापमान 41.8 डिग्री रहा है। इस बार यह 35 डिग्री तक लुढ़क गया।-नौतपा 25 मई से 2 जून तक रहा। इन नौ दिनों में भीषण गर्मी गायब रही। सामान्यत: नाैतपा में लू चलने का ट्रेंड रहा है। नौतपा तो तपा ही नहीं, मई महीना भी ठंडा गुजर गया।
-पिछले 10 सालों में पिछले साल 30 मई को अधिकतम तापमान 46.8 डिग्री पर पहुंच गया था। इस साल 13 मई को पारा 41.8 डिग्री पर पहुंचा था। इसके बाद पारा चढ़ने के बजाय उतरता रहा।
-बंगाल की खाड़ी में सिस्टम कमजोर होने से मानसून दंतेवाड़ा के आसपास से आगे नहीं बढ़ा है। पिछले दो दिनों में दंतेवाड़ा में बारिश भी नहीं हुई है।