Defence budget 2025: 2024 में कितना था देश का रक्षा बजट, जानिए इस बार क्या हो सकता है खास
Defence Budget: ग्लोबल फायर पॉवर इंडेक्स की रिपोर्ट के मुताबिक 2024 में रक्षा बजट के मामले में संयुक्त राज्य अमेरिका सबसे आगे रहा। अमेरिका का रक्षा बजट 895 बिलियन डॉलर रहा। जो उसकी GDP का 3.4% है।
world Highest Defence Budget of World Including India in 2024
Defence Budget: किसी भी देश की ताकत उसके रक्षा बजट से आंकी जा सकती है। कोई देश अपनी सैन्य शक्ति को बढ़ाने के लिए उस पर कितना खर्च करता है, ये शक्ति को आंकने का एक पैमाना होता है। भारत 1 फरवरी को जो वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बजट पेश करने जा रहा है, उसमें रक्षा बजट भी शामिल होगा। वैश्विक शक्ति बनने के इस ग्लोबल वॉर के लिए भारत कितना तैयार है, (Defense Budget expectations) इस पर पूरी दुनिया की नजरें रहने वाली हैं कि भारत इस बार अपना कितना रक्षा बजट (India Defence Budget 2025) रखता है। साल 2024 में भारत ने 75 बिलियन डॉलर का रक्षा बजट जारी किया था।
भारत के रक्षा बजट 2025 के लिए रक्षा विशेषज्ञों को काफी उम्मीदें लगी हुई हैं। क्योंकि ये दौर वैश्विक शक्ति बनने की होड़ का है। भारत रक्षा क्षेत्र में दुनिया के टॉप 5 देशों में शामिल है। पूरे विश्व में भारत का रक्षा क्षेत्र (Defence Sector of India) चौथे नंबर पर है। पिछले साल भारत ने अपने रक्षा बजट का व्यय कुल GDP का 2.5 प्रतिशत के आस-पास रखा था। वहीं कुल बजट का 13 प्रतिशत से भी ज्यादा था।
2024 का रक्षा बजट 2023-24 के आवंटन से 4.72% की बढ़ोतरी को दिखाता है। इसमें पूंजी के लिए 27.67%, परिचालन व्यय के लिए 14.82%, वेतन एवं भत्ते के लिए 30.68%, रक्षा पेंशन के लिए 22.72%, रक्षा मंत्रालय के अधीन नागरिक संगठन के लिए 4.11% का व्यय रखा गया था।
Budget 2025 में क्या हो सकता है खास?
भारत का रक्षा क्षेत्र को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के केंद्रीय बजट 2025 से बड़ी उम्मीदें हैं। दुनिया और पड़ोस दोनों में इस वक्त अस्थिर सुरक्षा वातावरण है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे में युद्ध में तेजी से तकनीकी प्रगति के साथ सरकार को भारत की रक्षा क्षमताओं को बढ़ाना होगा। इसके लिए सरकार (Defense Budget what to expect) को आधुनिकीकरण, आत्मनिर्भरता और नवाचार पर फोकस रखना होगा। रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक सरकार का रक्षा खर्च पर फोकस सशस्त्र बलों की आधुनिकीकरण जरूरतों को पूरा करने के लिए अहम होगा, जबकि आत्मनिर्भर भारत के तहत रक्षा उत्पादन को बढ़ावा मिले सकेगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि 2025-25 के इस बजट (Union Budget 2025) में रक्षा क्षेत्र के लिए आधुनिकीकरण, आत्मनिर्भरता और तकनीकी प्रगति को प्राथमिकता सरकार दे सकती है। उन्नत अनुसंधान और विकास निवेश के अलावा रणनीतिक नीतिगत प्रोत्साहन भी राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ावा देगा। अगर सरकार ऐसा करती है तो वैश्विक रक्षा बाजार में भारत एक प्रमुख खिलाड़ी के तौर पर उभर सकता है।
पहले नंबर पर अमेरिका, चौथे पर भारत
ग्लोबल फायर पावर इंडेक्स की रिपोर्ट के मुताबिक 2024 में रक्षा बजट के मामले में संयुक्त राज्य अमेरिका सबसे आगे रहा। अमेरिका का रक्षा बजट 895 बिलियन डॉलर रहा। जो उसकी GDP का 3.4% है। वहीं दूसरे स्थान पर चीन है, जिसका रक्षा बजट 266 बिलियन डॉलर था, ये उसकी GDP का 1.7% है। तीसरे नंबर पर रूस है। 2024 में इसका रक्षा बजट 126 बिलियन डॉलर था, जो उसकी GDP का 5.9% है। वहीं चौथे नंबर पर भारत है। 2024 में भारत का रक्षा बजट 75 बिलियन डॉलर का था। जो इसकी GDP के 2.4 प्रतिशत के आसपास था।
भारत के बाद पांचवा नंबर सऊदी अरब का है। इसका बजट 2024 में 74 बिलियन डॉलर था। ये इसकी GDP का सबसे ज्यादा 7.1% है। इसके बाद यूके, जापान, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस और यूक्रेन टॉप 10 में हैं।
prs.org की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2024-25 में रक्षा मंत्रालय को 6,21,941 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे। इसमें सशस्त्र बलों और नागरिकों के वेतन, पेंशन, सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण, निर्माण प्रतिष्ठानों, रखरखाव और अनुसंधान एवं विकास संगठनों पर खर्च शामिल थे। खास बात ये थी कि रक्षा मंत्रालय का आवंटन सभी मंत्रालयों में सबसे ज्यादा रहा था। ये केंद्र सरकार के कुल खर्च का 13% था।