प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद जम्मू और कश्मीर के सीमावर्ती जिलों में पाकिस्तानी गोलाबारी में क्षतिग्रस्त हुए घरों के लिए हाल ही में अतिरिक्त मुआवजा राशि दिए जाने की घोषणा की थी। प्रधानमंत्री मोदी ने पूरी तरह से क्षतिग्रस्त प्रत्येक घर के लिए 2 लाख रुपये और आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त प्रत्येक घर के लिए 1 लाख रुपये की अतिरिक्त मुआवजा राशि की घोषणा की थी। पंजाब के सीमावर्ती क्षेत्रों में भी इसी प्रकार से मुआवजा दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले हफ्ते जम्मू और कश्मीर दौरे के दौरान अपने संबोधन में प्रभावित परिवारों के साथ खड़े रहने, उन्हें निरंतर राहत सुनिश्चित करने और उनके घरों और जीवन को फिर से खुशहाल बनाने में उनकी मदद करने की अपनी सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। मोदी सरकार सीमावर्ती क्षेत्रों में नागरिकों के साथ मजबूती से खड़ी है।
गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बीते 29 और 30 मई को पुंछ का दौरा किया था। गृह मंत्री ने सीमा पार से गोलीबारी में जान गंवाने वाले पीड़ितों के परिजनों को अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति पत्र भी सौंपे थे। मानदंडों के अनुसार सीमा पार गोलाबारी के कारण हुई क्षति के लिए मुआवज़ा तुरंत दिया गया था।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद, जम्मू और कश्मीर के सीमावर्ती जिलों में सीमा पार से गोलाबारी की कई घटनाएं सामने आईं। रिहायशी इलाकों, स्कूलों, गुरुद्वारों, मंदिरों, मस्जिदों और व्यावसायिक संपत्तियों सहित धार्मिक संरचनाओं पर सीमा पार से गोलाबारी के कारण सैकड़ों परिवार पीड़ित हुए। प्रशासन ने संभावित घटनाओं और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय उपाय किये। सीमावर्ती जिलों से कुल 3.25 लाख व्यक्तियों को निकाला गया, जिनमें से लगभग 15,000 व्यक्तियों को भोजन, पानी, स्वास्थ्य देखभाल, बिजली आदि सुविधाओं से युक्त लगभग 397 आश्रय शेड या आवास केंद्रों में रखा गया।
सभी सीमावर्ती जिलों में रोगियों को उपचार के लिए अस्पताल ले जाने के लिए कुल 394 एम्बुलेंस लगाईं गईं, जिनमें से 62 एम्बुलेंस अकेले पुंछ जिले में लगाईं गईं। स्वास्थ्य, अग्नि और आपातकालीन सेवाओं, पशुधन, आवश्यक आपूर्ति आदि से संबंधित सेवाओं के लिए 2818 नागरिक रक्षा स्वयंसेवकों को भी लगाया गया।