आतिशी ने पत्र में विधानसभा की कार्यप्रणाली में देखे गए असंतुलनों और भेदभावपूर्ण फैसलों पर चिंता जताई। उन्होंने विशेष रूप से बोलने के समय के असमान आवंटन को उजागर किया, जिसमें भाजपा विधायकों को पर्याप्त समय दिया गया, जबकि विपक्षी सदस्यों को बोलने के लिए मात्र कुछ ही मिनट मिले। उन्होंने सीएजी रिपोर्ट पर चर्चा का उदाहरण देते हुए बताया कि भाजपा के 18 सदस्यों को 190 मिनट मिले, जबकि विपक्ष के केवल पांच सदस्यों को महज 33 मिनट का समय मिला।
दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष को याद दिलाई परंपरा
आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने अपने पत्र में लिखा “विधानसभा परिसर में प्रवेश का गैरकानूनी निलंबन और इनकार ठीक नहीं है। जबकि देश भर में संसद और विधानसभाओं के लॉन में विपक्ष के विरोध प्रदर्शन की एक लंबी संसदीय परंपरा रही है। सदन से बाहर जाने या निलंबित होने के बाद भी जनप्रतिनिधि संसद या विधानसभा परिसर के लॉन में मुद्दे उठाते रहते हैं। पिछले एक दशक से आप भी विपक्ष के एक सक्रिय और मुखर सदस्य के रूप में अक्सर गलियारों और विधानसभाओं में विरोध प्रदर्शन करते रहे हैं।”
आतिशी ने 26 फरवरी की घटना का किया उल्लेख
आतिशी ने अपने पत्र में आगे कहा “सदन से बाहर निकाले जाने के बाद विधानसभा के लॉन में ले जाया गया। हालांकि दिल्ली विधानसभा के इतिहास में पहली बार, विपक्षी विधायकों को निलंबन की पूरी अवधि के लिए पूरे विधानसभा परिसर में प्रवेश करने से रोक दिया गया था। यह भी पढ़ें
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जब हम 26 फरवरी को विधानसभा में आ रहे थे तो गेट पर तैनात पुलिस अधिकारियों ने हमें रोक दिया। दिल्ली की विधानसभा में प्रक्रिया और कार्य संचालन के नियम’ 277 अध्यक्ष को किसी विधायक को “सदन के परिसर” से निलंबित करने की अनुमति देता है, लेकिन यह पूरे विधानसभा परिसर पर लागू नहीं होता है।”
विधानसभा गेट पर ‘आप’ नेताओं को रोकना अवैध
आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने पत्र में आगे लिखा “सदन परिसर का अर्थ है सभा भवन, लॉबी, गैलरी, विधानसभा सचिवालय के कब्जे वाले कमरे, अध्यक्ष का कमरा, उपाध्यक्ष का कमरा, समिति कक्ष, विधानसभा पुस्तकालय, वाचनालय, पार्टी कक्ष, विधानसभा के अधिकारियों के प्रभार में सभी आवास, सचिवालय और वहां तक जाने वाले रास्ते तथा ऐसे अन्य स्थान जिन्हें अध्यक्ष समय-समय चिन्हित करते हैं। यह स्पष्ट है कि इसमें विपक्ष के नेता का कार्यालय या विधानसभा लॉन शामिल नहीं है। इसलिए दिल्ली विधानसभा के गेट पर प्रवेश करने से रोकने का आदेश अवैध था।”
विधानसभा में विपक्ष के समय को लेकर उठाया सवाल
दिल्ली की कालकाजी विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी की विधायक आतिशी ने आगे लिखा “3 मार्च को जब विपक्ष के विधायक सदन में वापस आए तो उन्हें बोलने के लिए दिया गया समय अनुपातिक रूप से कम था। जबकि सत्तापक्ष के विधायकों को बोलने के लिए पर्याप्त समय दिया गया। भाजपा के कुछ विधायकों को बिना किसी रुकावट के 20 मिनट से अधिक बोलने की अनुमति दी गई। यह भी पढ़ें
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जबकि विपक्ष के विधायकों को केवल 3-4 मिनट तक ही बोलने का समय दिया गया। इसमें मैं भी शामिल थी। CAG रिपोर्ट पर चर्चा के दौरान सत्तापक्ष के 18 वक्ता थे। जिन्होंने कुल 190 मिनट तक अपनी बात रखी। इस दौरान आप ने एक बार उन्हें टोका। जबकि विपक्ष के 5 वक्ता थे। उन्हें बोलने के लिए सिर्फ 33 मिनट दिए गए। इन 33 मिनटों में विधायकों को 12 बार टोका भी गया।”