जो फर्जी कॉल सेंटर चला कर जापान में लोगों से ठगी कर रहे थे। CBI की टीम नई दिल्ली से वाराणसी पहुंची और महमूरगंज स्थित एक बहुमंजिला इमारत में संचालित कॉल सेंटर पर छापा मारा। केंद्रीय सुरक्षा बल और पीएसी के सहयोग से की गई इस छापेमारी में लगभग 12 घंटे तक जांच-पड़ताल की गई। टीम ने मौके से कई लैपटॉप, दस्तावेज, और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त किए। इस दौरान करीब आधा दर्जन लोग गिरफ्तार किए गए हैं।
दिल्ली, यूपी और हरियाणा से गिरफ्तार किए गए आरोपी
सूत्रों के अनुसार, सीबीआई ने जिन लोगों को गिरफ्तार किया है। उनकी पहचान दिल्ली के आशु सिंह, पानीपत के कपिल घाखर, अयोध्या के रोहित मौर्य, शुभम जायसवाल, विवेक राज और वाराणसी के आदर्श कुमार के रूप में हुई है। सीबीआई सूत्रों ने बताया आरोपियों ने लीगल कस्टमर सर्विस सेंटर के रूप में दिखने वाले कॉल सेंटर चलाए। इन कॉल सेंटरों के द्वारा पीड़ितों को विश्वास दिलाया गया कि उनके इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से छेड़छाड़ की गई है। उन्होंने कहा कि इस बहाने पीड़ितों को डमी अकाउंट में पैसा ट्रॅांसफर करने के लिए मजबूर किया गया। सूत्रों के अनुसार, कॉल सेंटर में मौजूद कर्मचारियों से पूछताछ की गई और उन्हें दस्तावेजों की वैधता और ऑपरेशन के तरीकों के बारे में जानकारी देने के लिए कहा गया। इसी दौरान सीबीआई ने तीन आरोपियों शुभम जायसवाल, विवेक राज और आदर्श कुमार को गिरफ्तार कर लिया।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर करते थे साइबर ठगी
CBI द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि गिरफ्तार आरोपी जापान के नागरिकों को फोन कॉल्स और वॉइस मैसेज के जरिए टारगेट करते थे। वे खुद को साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट बताकर बताते थे कि उनके कंप्यूटर में वायरस है और इससे निजात पाने के लिए एंटीवायरस डाउनलोड करना जरूरी है। इस बहाने वे पीड़ितों को एक लिंक भेजते थे, जिससे वे उनके बैंक खातों तक पहुंच प्राप्त कर लेते थे और पैसा निकाल लेते थे। इन कॉल्स को भारत से संचालित किया जा रहा था, जिनका नेटवर्क बनारस, अयोध्या, दिल्ली और हरियाणा के पानीपत तक फैला हुआ था। इस पूरे नेटवर्क को इंटरनेशनल स्कैम ऑपरेशन का हिस्सा बताया जा रहा है। CBI ने वाराणसी के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के अयोध्या, दिल्ली और हरियाणा के पानीपत में भी समन्वित रूप से छापे मारे। इन सभी स्थानों पर साइबर ठगी से जुड़े दस्तावेज और डिजिटल सबूत जुटाए जा रहे हैं।
देशभर में सक्रिय साइबर ठगों के बड़े गिरोह का भंडाफोड़
सूत्रों का कहना है कि इस ऑपरेशन के जरिए CBI ने देशभर में सक्रिय साइबर ठगों के एक बड़े गिरोह को बेनकाब किया है। जो विदेशों में बैठे नागरिकों को निशाना बना कर करोड़ों रुपये की ठगी कर चुके हैं। CBI अधिकारियों का कहना है कि यह जांच अभी प्रारंभिक चरण में है और गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ के आधार पर अन्य ठिकानों की जानकारी मिल सकती है। इसमें और गिरफ्तारियां होने की पूरी संभावना है। शुरुआती जानकारी में बात सामने आई है कि घोटाले में पीड़ितों को हेरफेर करने और झूठे बहाने के तहत पैसे ऐंठने के लिए उन्नत सामाजिक इंजीनियरिंग तकनीकों और तकनीकी छल का लाभ उठाया गया।