केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान कहा जाता था कि सरकार प्रधानमंत्री के निर्देश से नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के निर्देश से चलती है। आज जब कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया कहते हैं कि यह सर्वेक्षण मेरी सरकार या कैबिनेट का निर्णय नहीं है, बल्कि ऊपर से निर्देश है, तो क्या कांग्रेस फिर से किसी संविधान से इतर संस्था के माध्यम से सरकार चला रही है? यदि यह निर्णय मुख्यमंत्री की कैबिनेट का नहीं है, तो फिर यह कौन‘ऊपर से निर्देश’ दे रहा है? इसका स्पष्ट अर्थ है कि कांग्रेस एक बार फिर संविधान से इतर संस्थाओं के माध्यम से शासन चलाकर देश के संविधान का अपमान कर रही है।
भूपेंद्र यादव ने सवाल पूछते हुए कहा कि कांग्रेस के लिए ओबीसी सिर्फ एक वोट बैंक है, इससे अधिक कुछ नहीं। जब कांग्रेस विधानसभा और लोकसभा में जातीय जनगणना का समर्थन कर रही थी, तो अब वह इससे पीछे क्यों हट रही है?
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले सर्वेक्षण में कांग्रेस ने मुस्लिमों को 18% के साथ सबसे बड़ा वर्ग बताया था, जबकि 2015 में यह आंकड़ा 12% था। दूसरी ओर, वोक्कालिगा और लिंगायत समुदायों की जनसंख्या को जानबूझकर ठीक से नहीं दर्शाया गया। इन तथ्यों से यह साफ़ झलकता है कि कांग्रेस की ओबीसी वर्ग के प्रति कोई सच्ची प्रतिबद्धता नहीं है, बल्कि वह इसे केवल राजनीतिक प्रचार का साधन मानती है।