मंगलवार को गोल्डन लाइन के एरोसिटी-तुगलकाबाद कॉरिडोर का हिस्सा 1460 मीटर लंबी सुरंग का काम पूरा होने पर दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन के अधिकारियों और कर्मचारियों में खासा उत्साह देखा गया। इस दौरान साइट पर भारत माता की जय और जय श्रीराम के नारे लगाए गए। दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता और मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने दिल्ली की सबसे गहरी सुरंग का काम पूरा होने पर डीएमआरसी (DMRC) के अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई दी।
औसतन 27 मीटर गहराई पर बनी है सुरंग
यह सुरंग औसतन 27 मीटर की गहराई पर बनाई गई है। जिसमें न्यूनतम गहराई 15 मीटर और अधिकतम गहराई 39 मीटर है। इस कारण यह दिल्ली मेट्रो की सबसे गहरी सुरंगों में से एक बन गई है। 1,460 मीटर लंबी सुरंग की खुदाई के बाद टनल बोरिंग मशीन (TBM) ने मंगलवार को इग्नू स्टेशन पर अपना कार्य सफलतापूर्वक पूरा किया। इस दौरान दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि यह उपलब्धि सिर्फ दिल्ली मेट्रो के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे दिल्लीवासियों के लिए गर्व का क्षण है। इस मौके पर पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा भी उपस्थित रहे। यह भी पढ़ें
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DMRC के कॉरपोरेट कम्युनिकेशंस के प्रधान कार्यकारी निदेशक अनुज दयाल ने बताया कि छतरपुर मंदिर और इग्नू के बीच एक समानांतर सुरंग का निर्माण 25 फरवरी 2025 को पूरा कर लिया गया था। इस प्रकार, इस चुनौतीपूर्ण मार्ग पर अब अप और डाउन दोनों लाइनों का सुरंग निर्माण कार्य समाप्त हो चुका है।सुरंग निर्माण में सामने आईं कई चुनौतियां
इस सुरंग के निर्माण में प्रयुक्त टनल रिंग्स को मुंडका में स्थित एक अत्याधुनिक मशीनीकृत कास्टिंग यार्ड में तैयार किया गया था। निर्माण के दौरान खड़ी ढलानों और कठोर चट्टानों जैसी भौगोलिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा। जिससे स्क्रू ऑगर को बदलने की जरूरत पड़ी। DMRC ने बताया कि सुरंग खोदते समय मौजूदा वायडक्ट और आसपास की इमारतों की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा गया। अत्यधिक संवेदनशील उपकरणों के माध्यम से जमीन की हलचलों पर कड़ी निगरानी रखी गई, ताकि किसी प्रकार के धंसाव का खतरा न हो। 97 मीटर लंबी विशाल टनल बोरिंग मशीन की मदद से यह कार्य सफलतापूर्वक पूरा किया गया।
दिल्ली मेट्रो के चौथे फेज में बन रही छह लाइनें
चौथे चरण के तहत दिल्ली मेट्रो में कुल छह नई लाइनें बनाई जा रही हैं। जिनकी कुल लंबाई 112.42 किलोमीटर होगी। इनमें से जनकपुरी से आश्रम मार्ग, मजलिस पार्क से मौजपुर और एयरोसिटी से तुगलकाबाद तक का लगभग 65 किलोमीटर का नेटवर्क तैयार किया जा रहा है, जिसमें से 60% से अधिक कार्य पूरा हो चुका है। यह भी पढ़ें