दिल्ली में रीलबाज पुलिसकर्मियों पर एक्शन की तैयारी
दरअसल, दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा वर्दी में रील बनाने वाले पुलिसकर्मियों पर नकेल कसने का आदेश जारी किया है। इसके तहत दिल्ली पुलिस की ओर से ऐसे पुलिसकर्मियों की सूची तैयार की गई है। जिन्होंने हाल ही में वर्दी पहनकर रील बनाई और उसे सोशल मीडिया पर शेयर किया है। हालांकि पुलिस कमिश्नर के आदेश की जानकारी मिलते ही दिल्ली में तमाम पुलिसकर्मियों ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से वर्दी वाली रील डिलीट कर दी है। इसके बाद कमिश्नर ने सभी थाना प्रभारियों और जोन इंचार्जों से 15 जून तक रिपोर्ट तलब की है। इसमें ये बताना होगा कि उनके क्षेत्र में कौन पुलिसकर्मी रीलबाज है। पुलिस सूत्रों की मानें तो वर्दी में रील बनाने वाले पुलिसकर्मियों पर अब पुलिस कमिश्नर की निगाह टेढ़ी हो गई है। ऐसे में दिल्ली पुलिस में कमिश्नर की सख्ती के चलते हड़कंप मचा है।
दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने जारी किया है ये आदेश
दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा की ओर से दो दिन पहले आदेश जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि दिल्ली पुलिस का कोई भी कर्मचारी अब वर्दी पहनकर रील नहीं बनाएगा। अगर किसी ने वर्दी में रील बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड की तो उसके खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई की जाएगी। यह आदेश पुलिस कमिश्नर की ओर से पुलिस की सभी यूनिटों के प्रमुखों को भेजा गया है। दिल्ली पुलिस के सूत्रों का कहना है कि 24 अगस्त 2023 में जारी किए गए स्टैंडिंग आदेश और दिल्ली पुलिस की सोशल मीडिया पॉलिसी के तहत वर्दी में वीडियो बनाकर उसे सोशल मीडिया पर शेयर करने की मनाही है। इसके बाद भी कई पुलिसकर्मी इस नियम की अनदेखी करते हैं।
वर्दी की गरिमा के उल्लंघन पर सख्ती
ऐसे ही मामलों को देखते हुए पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा ने इसे वर्दी की गरिमा का उल्लंघन मानते हुए कार्रवाई का आदेश दिया है। इसके तहत दिल्ली पुलिस ने एक सूची भी तैयार की है। इसमें सिपाही से लेकर सब इंस्पेक्टर तक पुलिसकर्मियों के नाम शामिल हैं। खास बात ये है कि दिल्ली पुलिस कमिश्नर का आदेश जारी होते ही तमाम कर्मचारी सतर्क हो गए और उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से वर्दी वाली रील्स हटा ली है। फिर भी पुलिस कमिश्नर ने दिल्ली पुलिस की सभी यूनिटों के प्रमुखों से 15 जून तक एक रिपोर्ट पेश करने को कहा है। पुलिस कमिश्नर ने आदेश में साफ कहा है “वर्दी केवल ड्यूटी के लिए है, इसका सार्वजनिक प्रदर्शन निजी प्रचार के लिए नहीं किया जा सकता। ऐसी घटना वर्दी की गरिमा का उल्लंघन और अनुशासनहीनता है। इसलिए ऐसे सभी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की जाए। जो वर्दी की गरिमा का उल्लंघन करते हैं।”