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नई दिल्ली

देश में तैयार हुआ मलेरिया का पहला स्वदेशी टीका

बीमारी पर वार : आइसीएमआर और आरएमआरसी के वैज्ञानिकों को बड़ी सफलता

नई दिल्लीJul 20, 2025 / 12:18 am

ANUJ SHARMA

नई दिल्ली. भारत में जल्द ही मलेरिया रोग खत्म हो सकेगा। भारतीय वैज्ञानिकों ने मलेरिया के खिलाफ पहला स्वदेशी टीका तैयार कर लिया है। यह टीका मलेरिया संक्रमण के खिलाफ प्रभावी साबित हुआ है। इस टीके के उत्पादन के लिए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) ने निजी कंपनियों के साथ समझौते की तैयारी शुरू कर दी है। विशेषज्ञों को उम्मीद है कि इससे न सिर्फ अस्पतालों पर दवाब को कम होगा बल्कि रोगियों की जान बचाने में भी मदद मिल सकेगी। आइसीएमआर के मुताबिक मलेरिया के नए टीके को फिलहाल एडफाल्सीवैक्स नाम दिया है, जो मलेरिया परजीवी प्लास्मोडियम फाल्सीपेरम के खिलाफ पूरी तरह असरदार पाया गया है। इसे आइसीएमआर और भुवनेश्वर स्थित क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र (आरएमआरसी) के शोधकर्ताओं ने मिलकर तैयार किया है। आरएमआरसी के वैज्ञानिक डॉ. सुशील सिंह ने कहा कि नया टीका मानव संक्रमण को रोक सकता है। एडफाल्सीवैक्स में पीएफएस-230 और पीएफएस48/45 प्रोटीन का एक मिश्रण शामिल है। यह संक्रमण रोकने वाले मजबूत एंटीबॉडी बनाता है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में मानसून के सीजन के दौरान मलेरिया के लाखों मामले सामने आते हैं। अब टीके के निर्माण से मलेरिया के खिलाफ लड़ाई को और मजबूती मिलने की उम्मीद है।
एक दशक तक करेगी सुरक्षा

एडफाल्सीवैक्स की खास बात इसकी फार्मास्युटिकल स्टेबिलिटी है। यह फॉर्मूला कमरे के तापमान पर नौ माह से ज्यादा समय तक प्रभावी रहता है, जिससे महंगी कोल्ड चेन लॉजिस्टिक्स की जरूरत खत्म हो जाती है। इसके कारण यह दूरदराज और संसाधन-सीमित क्षेत्रों में भी प्रभावी साबित होगा। आरएमआरसी के मुताबिक यह वैक्सीन एक दशक से ज्यादा समय तक सुरक्षा प्रदान कर सकेगी।
इसलिए हमारी वैक्सीन अच्छी

वर्तमान में देश में मलेरिया के दो टीके उपलब्ध है। इनकी कीमत करीब 800 रुपए है। हालांकि इनका असर 33 से 67 फीसदी के बीच है। वहीं ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से मंजूरआरटीएस और आर21/मैट्रिक्स-एम टीका दुनिया के कुछ देशों के लिए उपलब्ध हैं। इनकी तुलना में भारत का यह टीका रक्त में पहुंचने पर पहले चरण में ही ट्रांसमिशन ब्लॉकिंग यानी संक्रमण का प्रसार रोकने में प्रभावी असर दिखाने लगता है।
भारत और दुनिया में मलेरिया की स्थिति

26.3 करोड़ मामले पाए गए दुनिया

5.97 लाख लोगों की हुई मौत

20 लाख मामले भारत में सामने आए

( विश्व स्वास्थ्य संगठन की विश्व मलेरिया रिपोर्ट 2023 में के मुताबिक)

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