ताउम्र अपने खून पर रहना होगा निर्भर… एफबीई के प्रमुख बायोलॉजिस्ट थियरी पेयरार्ड का कहना है कि महिला को यह ब्लड ग्रुप माता-पिता से म्यूटेटेड जीन मिलने के कारण मिला। महिला को ताउम्र अपने खून पर निर्भर रहना होगा। दुनिया में कोई दूसरा डोनर उसे खून नहीं दे सकता। एफबीई ने बयान में कहा, ‘हर नया ब्लड ग्रुप सिस्टम हमारी हेल्थकेयर की क्षमताओं को और बेहतर करता है। खासकर उन मरीजों के लिए जिनके ब्लड टाइप दुर्लभ हैं।’