भीलवाड़ा शहर में नसबंदी होने के बावजूद आवारा श्वान खतरे का प्रर्याय बने हुए हैं। पकड़े जाने के बाद उनका ठिकाना नहीं बदले जाने से क्षेत्र के लोग भी सुरक्षित नहीं हैं। हालात ये है कि शहर में रोजाना पन्द्रह से अधिक लोग आवारा श्वानों का शिकार होकर इलाज कराने को मजबूर हो रहे हैं। शहर में आवारा श्वानों की आबादी करीब पांच हजार से अधिक है।
भीलवाड़ा•May 21, 2025 / 12:01 pm•
Narendra Kumar Verma
Hindi News / Videos / News Bulletin / भीलवाड़ा में 800 श्वानों की नसबंदी, फिर भी मोहल्लों में संकट बरकरार