निर्यात पर रोक बाद बाजार में 500 रुपए क्विंटल गिरे भाव गेहूं निर्यात पर रोक लगने के बाद मंडी में पंद्रह दिन के भीतर 500 रुपए प्रति क्विंटल से ज्यादा भाव कम हो गए। इससे किसानों का रुझान समर्थन मूल्य की ओर बढ़ा है। अब तक 15 हजार पंजीयन में से 34 00 ने स्लॉट्स बुक कर लिए हैं।उपार्जन केंद्रों पर बीते साल की तुलना में अब तक पांच गुना अधिक तौल हुई है। पिछले साल सिर्फ 419 किसानों ने 3900 मीट्रिक टन गेहूं बेचा था। इस साल 15 दिन में दो हजार किसानों ने 14,725 मीट्रिक टन उपज की तौल की है।
38.29 करोड़ रुपए में 6.53 करोड़ काट लिया कर्ज नान की रिपोर्ट के अनुसार अब तक किसानों ने 38.29 करोड़ की उपज बेची है। इसमें सहकारी समितियों ने 6.53 करोड़ रुपए बकाया ऋण काट लिया है। किसानों को 31.76 करोड़ भुगतान किए जाएंगे। अब तक किसानों के खाते में 14.17 करोड़ रुपए समर्थन मूल्य पहुंच गए हैं। 23.43 करोड़ के भुगतान भेजने की तैयारी है। इसके अलावा किसानों का शेष भुगतान 24 .12 करोड़ रुपए है। शेष भुगतान की कागजी प्रक्रिया चल रही है।
42 हजार किसान डिफाल्टर, 15 हजार ने कराया पंजीयन सहकारी समितियों पर लगभग 42 हजार किसान डिफाल्टर हैं। समितियों पर ऋण माफ होने और कर्ज काट लिए जाने को लेकर किसान केंद्रों पर उपज नहीं बेच रहे हैं। उपज बेचने के लिए इस साल अब तक 15 हजार किसानों ने पंजीयन कराया है। जबकि पिछले साल बीस हजार कराया था। लेकिन बेचने सिर्फ 419 किसान पहुंचे थे। इस साल अब तक दो हजार पहुंच चुके हैं। 3400 किसानों ने गेहूं बेचने स्लाट बुक किया है।
एफसीआई को खंडवा का गेहूं पसंद, जल्द तय उठाव की मात्रा एफसीआई की टीम ने खरीद केंद्रों पर निरीक्षण कर गुणवत्ता को परख लिया है। प्रदेश के अन्य जिलों की तुलना में खंडवा में गेहूं की गुणवत्ता अच्छी है। इस लिए एफसीआई ने कहा है कि रखरखाव अच्छे से करें। जल्द ही एफसीआई की ओर से गेहूं उठाव की मात्रा निर्धारित की जाएगी। इसी तरह कई केंद्रों पर वेयर हाउस के क्षेत्रीय प्रबंधक भी निरीक्षण के लिए पहुंचे थे। दोनों विभागों के अधिकारियों की टीम ने निरीक्षण कर व्यवस्था देखकर लौट गई।
फैक्ट फाइल
14,814-पंजीयन
3456 स्लॉट्स बुकिंग
2043 उपार्जित किसान
14,725 उपार्जन मात्रा 38.29 करोड़ -भुगतान योग्य राशि
31.76 करोड़ ऋण वसूली उपरांत राशि
23.43 करोड़ भुगतान की प्रकिया पूरी
14.17 करोड़ सफल भुगतान
24 .12 करोड़ शेष भुगतान
24.12 शेष भुगतान
इनका कहना, जिला आपूर्ति अधिकारी अरुण कुमार तिवारी का कहना है कि पिछले साल की तुलना में उपार्जन की मात्रा बढ़ी है। भुगतान की प्रक्रिया तेजी से की जा रही है। अब तक 14.17 करोड़ रुपए का सफल भुगतान हो चुका है। 23.43 करोड़ रुपए भुगतान की तैयार है। शेष भुगतान की प्रक्रिया प्रचलन में है।