चौकी प्रभारी सब इंस्पेक्टर बीधाराम ने कहा कि साइबर अपराध लगातार बढ़ रहे हैं। यह केवल पुलिस ही नहीं, आमजन के लिए चिंता का विषय है। साइबर ठगी में युवा अधिक शिकार हो रहे हैं। इस अपराध से कैसे बचा जा सकता है । इसके तरीके के बारे में चौकी प्रभारी ने छात्रों को बताया। चौकी प्रभारी ने बताया कि साइबर क्राइम इंटरनेट, कंप्यूटर, मोबाइल जैसी तकनीकी साधनों से किया जाता है। यह छोटे गांव से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रहा है। इसकी शुरुआत हैकिंग से हुई थी। इसके बाद मेल वेयर और अब धमकी देकर किया जा रहा है। किसी भी व्यक्ति के साथ साइबर अपराध होता है तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। पुलिस को सूचना मिलते ही तुरंत खाते को फ्रिज करवाएगी। जिससे कि राशि चुराई नहीं जा सके। साइबर अपराध करने वाले लोग तरह-तरह के तरीके अपना रहे हैं। जीवन बीमा, आपका खाता ब्लॉक हो गया है। केवाईसी अपडेट करवाने के नाम पर ठगी हो रही है। डिजिटल अरेस्ट के नाम पर साइबर ठग अपराध कर रहे हैं। कभी किसी बड़े संगठन का अधिकारी बनकर डराकर, झूठी धमकियां देकर ठगने का प्रयास किया जा रहा है। इसलिए ऐसा कोई भी कॉल आए तो भयभीत होने की जरूरत नहीं है। तुरंत ही पुलिस को सूचना देनी चाहिए। चौकी प्रभारी ने यातायात नियमों की जानकारी दी।
विद्यालय प्रधानाचार्य धर्म सिंह मीणा ने भी साइबर अपराध के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि साइबर अपराधी साइबर ठगी कर रहे हैं। लोगों की मेहनत की कमाई को खाते से उड़ा देते हैं। अनजान व्यक्ति को कभी भी ओटीपी नहीं देनी चाहिए। सावधानी के साथ सजगता से कार्य करना चाहिए।
इस मौके पर उप प्रधानाचार्य मेवाराम मीणा ने कहा कि साइबर ठगी करने वाले पहले फर्जी कॉल पर प्रलोभन देते हैं। जिसके जरिए में बैंक डिटेल, आधार या अन्य महत्वपूर्ण जानकारी हासिल कर लेते हैं। इसके बाद भी खाते से राशि को उड़ा देते हैं। इसलिए सावधानी के साथ जागरुकता जरूरी है। इस अवसर पर व्याख्याता राजेंद्र मीणा, कंचन राम माली, नितेंद्र गुप्ता, अमर सिंह मीणा सहित विद्यालय के छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।