गिरफ्तारी का नोटिस, 500 करोड़ जब्त
पीडि़त ओमप्रकाश माकड़ ने पुलिस को बताया कि वह निजी कंपनी से रिटायर्ड इंजीनियर है। वे यहां पत्नी के साथ रहते हैं तथा अन्य परिजन बाहर रहते हैं। उनके मोबाइल फोन पर 10 मई को अज्ञात व्हाट्सएप नम्बर से कॉल आई कि मुम्बई के कोलाबा थाने का इंस्पेक्टर विजय खन्ना बोल रहा हूं। आपका फोन दो दिन में बंद होने वाला है। क्योंकि एक फर्जी कंपनी के पांच सौ करोड़ रुपए ईडी ने जब्त किए हैं। उस कंपनी से आपके लेनदेन की बात सामने आई है। आपके खिलाफ प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तारी का नोटिस जारी किया जा चुका है। इसके बाद कथित इंस्पेक्टर ने बुजुर्ग को व्हाट्सएप पर गिरफ्तारी का नोटिस भेजते हुआ कहा कि यदि बचना है तो पैसे जमा करवा दो। पीडि़त ने पुलिस को बताया कि किसी कंपनी से उनका लेनदेन नहीं है। मगर फोन करने वाला नहीं माना तथा ऑनलाइन भेजा गिरफ्तारी वारंट देखकर वह घबरा गया।
40 से 50 कॉल, एफडी पर धावा
बुजुर्ग ओमप्रकाश की घबराहट पहचान कर साइबर ठगों ने अलग-अलग नम्बर से 40 से 50 व्हाट्सएप कॉल की। इसमें अधिकांश कॉल इंस्पेक्टर विजय खन्ना तथा सीबीआई मुम्बई के डीसीपी नीरज कुमार के नाम से आई। इसके अलावा कुछ इंटरनेशनल नम्बर भी थे। बुजुर्ग के अनुसार कॉल करने वालों ने धमका कर पूछा कि उसने बैंकों में कितनी एफडी करवा रखी है। उनको जब बताया कि अलग-अलग बैंकों में तीन एफडी है तो गिरफ्तारी का भय दिखाते हुए एफडी तुड़वाकर रुपए ऑनलाइन भिजवाने की बात कही। इस पर उसने 69 लाख 50 हजार, 27 लाख 50 हजार व 50 लाख 50 हजार की तीनों अलग-अलग बैंकों की एफडी तुड़वा कुल 1 करोड़ 47 लाख 50 हजार रुपए कॉल करने वालों के खातों में तीन अलग-अलग ट्रांजेक्शन में जमा करवा दिए।
रिश्तेदारों से उधार लो
ओमप्रकाश के अनुसार अज्ञात लोग पैसे लेने के बाद भी कॉल कर धमका रहे हैं कि अभी तक प्रकरण निपटा नहीं है। यह गंभीर मामला है और रुपए जमा करवाओ। जब कहा कि अब उसके पास और रुपए नहीं हैं तो उन्होंने रिश्तेदारों से उधार लेकर भिजवाने की बात कही। ठगों से रहे सचेत
- किसी अपराध में लिप्त बताकर डिजिटल अरेस्ट या अरेस्ट वारंट व्हाट्सएप पर भेजकर।
- किसी परिजन का या परिजन के वाहन से किसी अन्य का हादसा होने का कहकर।
- किसी स्कीम में गिफ्ट निकलने या मुफ्त ऑनलाइन गिफ्ट का लालच देकर।
- निवेश योजना में अच्छे रिटर्न का लालच।
- घर बैठे पैसे कमाने के फेर में फंसाकर।
- क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने।