कटनी. मुख्य रेलवे स्टेशन कटनी जंक्शन में चल रहा सौंदर्यीकरण का काम यात्रियों के लिए बड़ी फजीहत बना हुआ है। लगभग डेढ़ माह से निकासी व प्रवेश द्वार का काम चल रहा है, हालांकि यह काम और पहले से पार्टिसन कर कराया जा रहा था, इसके बाद भी पूरा नहीं हो पाया। जिसका खामियाजा हर दिन 12 से 15 हजार यात्री भुगत रहे हैं। उन्हें ट्रेन पकडऩे व स्टेशन से बाहर आने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है, टिकट कटवाने के लिए परेशान होना पड़ रहा है। बता दें कि 12 मार्च को एक सप्ताह के लिए इंजीनियर विभाग ने समय मांगा था। यह दावा किया गया था कि बिल्डिंग को तोडकऱ इसे शीघ्र निर्माण व सौंदर्यीकरण कराते हुए चालू कर दिया जाएगा, लेकिन डेढ़ माह के बाद भी नहीं चालू हुआ। आरपीएफ, इंजीनियरिंग, कॉमर्शियल, इलेक्ट्रॉनिक, स्टेशन प्रभारी सभी की मौजूदगी में 10 मार्च को निर्णय लिया गया था। मंडल में शाखा अधिकारियों को जानकारी भेजी गई थी, लेकिन ठेकेदार ने समय पर काम नहीं किया, यात्री खासे परेशान हो रहे हैं। काउंटर व आवागमन बंद हैं।
अमानती सामान घर बंद स्टेशन में ज जबसे तोडफ़ोड़ शुरू हुई है, तभी से आमानती सामान घर बंद कर दिया है। इसके लिए रेलवे द्वारा कोई भी अलग से वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है। रेलवे की यह सस्ती और सुलभ व्यवस्था थी, जो बेपरवाही की भेंट चढ़ गई है। अब यात्रियों को कुछ समय के लिए अपने सामान को रखने के लिए खासा परेशान होना पड़ रहा है।
डेढ़ माह से ऐसी बंद
स्टेशन प्रबंधक कक्ष के बाजू में वीआइपी रूम बनाया गया है। यहां पर रेलवे के कार्यक्रम व जब भी कोई सांसद, मंत्री व अन्य नेता पहुंचते हैं तो यहां पर बैठक लेते हैं व टे्रनों का इंतजार करते हैं, लेकिन यहां पर डेढ़ माह से एसी बंद पड़े हैं। काम में देरी के कारण रूम में सुविधा बहाल नहीं हो पा रही।
12 मार्च से स्टेशन के प्रवेश और निकासी द्वार को तोडकऱ सुंदर बनाने की कवायद चल रही है, तबसे रेल यात्रियों व स्टॉप की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं। यात्रियों के लिए पर्याप्त स्थानों पर दिशा सूचक नहीं हैं, जिससे यात्री प्लेटफार्म क्रमांक दो के सतना एंड व प्लेटफॉर्म क्रमांक एक की तरफ से भटकते हुए प्लेटफॉर्मों में पहुंचते हैं, जिससे उन्हें भारी समस्या हो रही है। लगभग एक से डेढ़ किलोमीटर पैदल चलकर ट्रेनें पकडऩी पड़ रही हैं।
रंग-रोगन में हो रही मनमानी
रेलवे द्वारा वीआइपी रूम, स्टेशन प्रबंधक कक्ष सहित अन्य स्थानों पर रंगरोगन भी कराया जा रहा है। यह काम हार्दिक कंस्ट्रक्शन को दिया गया है। गुणवत्तायुक्त रंगरोगन नहीं कराया जा रहा। सीलिंग व दीवारों में ठीक से पुताई नहीं कराई गई। ठेकेदार अशोक बहलानी ने कहा कि उनके द्वारा 45 प्रतिशत विलो में टेंडर डाला गया है। बगैर वर्क ऑर्डर के काम किया जा रहा है। अब जितना बन सकता है, उतना बेहतर कराने का प्रयास कर रहे हैं।
रेलवे में जो भी निर्माण कार्य जिन विभागों द्वारा ठेकेदार के माध्यम से कराए जाते हैं, यदि उनमें गुणवत्ता का पालन नहीं हो रहा, तय मानक के अनुसार काम नहीं हो रहा है तो फिर जिम्मेदार अधिकारी न तो निगरानी करते और ना ही कोई कार्रवाई। गुणवत्ताहीन काम होने से वह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता है। सरकार की की मंशा पर पानी फिरता नजर आता है। यदि विभागीय अधिकारियों को लोग जानकारी भी देते हैं तो बात करने के लिए अधिकृत न होने की बात कह कर्तव्य से पल्ला झाड़ लेते हैं।
सीपीआरओ ने कही यह बात
हर्षित श्रीवास्तव, सीपीआरओ ने कहा कि कटनी जंक्शन में काम तेजी से चल रहा है। शीघ्र ही निकासी व प्रवेश द्वार चालू होगा। आमानती सामान घर क्यों बंद है यह पता लगाया जाएगा। एसी आदि चालू कराने के लिए भी पहले होगी। रंग-रोगन यदि ठीक से नहीं हुआ है तो इसे दिखवाया जाएगा। यात्रियों को परेशान न हो, यह व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
Hindi News / News Bulletin / अमृत योजना का हस्र: पांच दिन की ली थी मियाद, डेढ़ माह में भी पूरा नहीं हुआ काम, यात्री हलाकान