मुख्य विपक्षी दल अन्नाद्रमुक, कांग्रेस और वामपंथी दल, अभिनेता से नेता बने विजय की तमिलगा वेट्री कषगम (टीवीके) सहित अन्य ने बैठक में हिस्सा लिया। बैठक का भाजपा, तमिल राष्ट्रवादी नाम तमिलर कच्ची (एनटीके) और पूर्व केंद्रीय मंत्री जी. के. वासन की तमिल मनीला कांग्रेस (मूपनार) ने बहिष्कार किया। सत्तारूढ़ द्रमुक परिसीमन की कवायद का कड़ा विरोध कर रही है। पार्टी अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री स्टालिन का दावा है कि इससे तमिलनाडु में लोकसभा की सीट कम हो जाएंगी। उन्होंने आश्चर्य जताया है कि क्या राज्य को पिछले कुछ साल में जनसंख्या नियंत्रण उपायों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए दंडित किया जा रहा है।
स्टालिन ने केंद्र की सत्तारूढ़ पार्टी को तमिलों का ‘दुश्मन’ करार देते हुए आरोप लगाया कि भाजपा नीत केंद्र सरकार वोट की खातिर तमिल भाषा के प्रति केवल दिखावटी प्रेम रखती है। भाजपा दावा करती है कि पीएम मोदी तमिल को बहुत सम्मान देते हैं और त्रिभाषा फार्मूला राज्यों की भाषाओं के विकास के लिए है, पर तमिल और संस्कृत के लिए धन के आवंटन में अंतर से यह स्पष्ट है कि वे तमिल के ‘दुश्मन’ हैं।
भाषाई आधिपत्य की भावना स्टालिन ने आरोप लगाया कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2014 से 2023 के बीच की अवधि के दौरान केंद्र सरकार ने केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय तथा राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय को 2,435 करोड़ रुपए आवंटित किए और इसी अवधि में केंद्रीय शास्त्रीय तमिल संस्थान को केवल 167 करोड़ रुपए आवंटित किए गए। केंद्र सरकार पूरी तरह से भाषाई आधिपत्य की भावना के साथ काम कर रही है।
देश को हिंदिया बनाने की हो रही कोशिश: कमल हासन अभिनेता-राजनेता कमल हासन ने स्टालिन के रुख का समर्थन करते हुए केंद्र पर गैर-हिंदी भाषी राज्यों पर हिंदी थोपकर भारत को ‘हिंदिया’ बनाने का प्रयास करने का आरोप लगाया। उन्होंने यह टिप्पणी सर्वदलीय बैठक के दौरान की। हासन ने कहा कि केंद्र सरकार कोशिश कर रही है कि सभी राज्य हिंदी बोलें और बहुमत से चुनाव जीतें। हमारा सपना है ‘इंडिया’ और उनका है ‘हिन्दिया’।